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डुंगला-26 पंचायतों से मात्र 193 परिवेदनाएं और उनमें से भी मात्र 3 का हुआ निस्तारण, जनसुनवाई बनी मात्र कागजी खानापूर्ति।

 

वीरधरा न्यूज़।डुंगला@ श्री पवन अग्रवाल।

डूंगला। राज्य सरकार के आदेशानुसार जिला कलेक्टर के निर्देशन में आमजन की समस्याओं को त्वरित निस्तारण के लिए पारदर्शी एवं संवेदनशील वातावरण में सभी ग्राम पंचायत मुख्यालय पर जनसुनवाई का आयोजन रखा गया। जो महज खानापूर्ति साबित हुई। किसी भी पंचायत ने इसका जोर शोर से प्रचार प्रसार नहीं किया। लेकिन सरकारी नुमाइंदों की लापरवाही के चलते नहीं किसी योजना की जानकारी आमजन तक पहुंच पाई और ना ही क्षेत्रवासियों की समस्याओं का निस्तारण हो पाया। सबसे अहम बात तो यह है की इन जनसुनवाई कार्यक्रमों में सिर्फ अधिकारियों एवं कर्मचारियों का जमावड़ा रहा क्योंकि आम जन को इस जन सुनवाई को लेकर कोई भी आम सूचना जारी नहीं की गई जिससे कि आमजन अपनी समस्याओं को लेकर इस जनसुनवाई में पहुंच सके और वही हुआ कि डूंगला ग्राम पंचायत क्षेत्र की 26 ग्राम पंचायतों से मात्र 193 परिवेदना प्राप्त हुई और सबसे अहम तो यह कि इन परिवेदनाओं के निस्तारण के लिए जिला स्तर से मुख्य कार्यकारी अधिकारी की उपस्थिति में ब्लॉक स्तरीय अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे लेकिन 193 में से मात्र 3 परिवेदनाओं का ही निस्तारण हो पाया जिससे इस जनसुनवाई कार्यक्रम में आए छुटपुट परिवादीयों को भी बैरंग लौटना पड़ा। कार्यक्रम में भले ही डूंगला उपखंड अधिकारी का अतिरिक्त कार्य देख रहे बड़ीसादड़ी उपखंड अधिकारी सुश्री बिंदु बाला राजावत, डूंगला तहसीलदार पन्ना लाल रेगर, विकास अधिकारी मामराज मीना, सहायक विकास अधिकारी संजय वैष्णव सहित ब्लॉक स्तरीय अधिकारी एवं कर्मचारीयों का जमावड़ा रहा लेकिन यह जनसुनवाई मात्र कागजी खानापूर्ति बनकर रह गई। आमजन का कहना है कि इसी तरह अधिकारी और कर्मचारी क्षेत्र में काम करेंगे तो कैसे सरकार की योजनाएं आम जन तक पहुंच पाएगी और कैसे आमजन को इन योजनाओं का लाभ मिल पाएगा। सबसे अहम तो राज्य सरकार कि आमजन को राहत देने की मंशा इन सरकारी नुमाइंदों की बेपरवाही के चलते इस तरह पूरी होना नामुमकिन है।

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