वीरधरा न्यूज़। चिकारडा @ श्री पवन अग्रवाल
चिकारडा। प्रत्येक औषधि हमारे लिए प्रकृति का उपहार है ऐसे में गिलोय भी अनेकों गुण-धर्मो से युक्त हमारे लिए अत्यंत लाभकारी तथा स्वास्थ्य वर्धक है । इसलिए इसको अमृता भी कहा जाता है, उक्त विचार चिकारडा के आयुर्वेद के डॉक्टर बनवारीलाल शर्मा ने रखे। उनके द्वारा बताया गया कि सामान्यतः नीम के ऊपर चढ़ी हुई गिलोय अत्यंत गुणकारी मानी गई है । अनेक रोगों में इसका उपयोग होता है । रक्त विकार मधुमेह डायबिटीज जीवाणु नाशक रक्त कैंसर त्वचा रोग में ह्रदय रोग में त्रिदोष नाशक नेत्र ज्योति में कान का मैल साफ करने में जीर्ण ज्वर बुखार में डेंगू और मलेरिया में बहुत ही फायदेमंद रहती हैं मधुमेह में नीम गिलोय का रस अत्यंत गुणकारी है जो शरीर में इंसुलिन की उत्पत्ति व रक्त में उसकी घुलनशील ता को बढ़ाती है इससे रक्त शर्करा घटती है वही त्रिदोष नाशक होने से वात पित्त और कफ होने वाले रोगों में अत्यंत लाभकारी है ग्रामीणों को इसका उपयोग करते रहना चाहिए ग्रामीण क्षेत्र में नीम गिलोय की उपलब्धता हर जगह रहती है डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है इसके उपयोग से प्लेटलेट्स पुनः बढ़ते हुए मरीज को ठीक करते हैं
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