वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। स्वराज-75 आयोजन समिति के सदस्य मुकेश नाहटा ने बताया कि आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर स्वराज-75 आयोजक समिति के तत्वावधान में 23 मार्च को आयोजित नमन-2022 कार्यक्रम में सर्वप्रथम गाँधी चैक से राजगुरू के रूप में हीरा वाटिका से भगत सिंह के रूप में, अभिमन्यू पार्क से सुखदेव के रूप में कार्यकर्ता एकत्रित होकर टोली के रूप में अप्सरा टाॅकिज चैराहे पर त्रिवेणी संगम के रूप में मिले जहाँ डीजे पर राष्ट्रभक्ति गीतों के साथ ही भव्य आतिशबाजी कर इनका स्वागत किया। ढोलों की थाप पर द्वारिकाधाम पहुँचे जहाँ द्वार पर लगी शहीदों की तस्वीरों पर पुष्प अर्पित कर नमन किया गया। भावपूर्ण राष्ट्रभक्ति से कार्यक्रम का श्रीगणेश हुआ। भारतीय सेना व सुरक्षा बलों को सम्मान देने के लिए एनडीए के एक जवान हिमांशु का साफा बंधा कर सम्मान किया गया। काव्यगीत हुआ, बाद में मंचासीन अतिथि आरएसएस के जिला संघचालक अनिरूद्ध सिंह भाटी, आयोजन संयोजक भूपेन्द्र आचार्य एवं मुख्य वक्ता प्रान्त बौद्धिक प्रमुख सत्यनारायण कुमावत का स्वागत सम्मान किया गया।
मुख्य वक्ता ने सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत विश्व का हृदय है, भारत भूमि पवित्र है, पूरे विश्व की धड़कन है, भारत वसुदेव कुटुम्बकम सर्वे भवतु सुखिनः यही भारतीयों की मूल धरा है। 1857 की क्रांति में पहली बार स्वतंत्रता का संग्राम हुआ और अंगेजो ने भारत की शिक्षा पर चोंट की और संस्कृति को समाप्त करने के लिए अभियान छेड़ दिया। विनायक दामोदर सावरकर को काले पानी का आजीवन कारावास हुआ जिसमें छोटे से कमरे में रखा गया परिवार से दूर रखा, दो जन्मों के आजीवन कारावास की सजा हुई लेकिन फिर भी अपने लक्ष्य से डगमगाए नहीं ओर भारत को स्वतंत्र कराने में लगे रहे। संघ ने एक घंटा देश के लिए समर्पण मांग की।
कार्यक्रम के पश्चात् आयोजन संयोजक भूपेन्द्र आचार्य ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के पश्चात् जो खाना जेल में भगतसिंह ने खाया वैसा ही बिना चुपड़ी रोटी, प्याज और कच्ची मिर्ची प्रसाद के रूप में स्वयंसेवकों को वितरित किया गया। मंच पर कुर्सीयों के स्थान पर भगतसिंह के बैठने वाले जैसे खाट को रखा गया जहाँ अतिथियों ने स्थान ग्रहण किया। मंच के दाईं बायीं ओर फांसी के फंदे लटकाए गये जो राष्ट्र भाव भाव के प्रतिक थे, किस प्रकार शहीदों ने फांसी के फंदे पर झूल कर देश आजाद कराया।
कार्यक्रम में आयोजन समिति के संयोजक भुपेन्द्र आचार्य, प्रवीण टांक, मुदित मेनारिया, मुकेश नाहटा, बालकिशन भोई, राजेश काकड़दा, जितेंद्र त्रिपाठी, राजकुमार कुमावत, राजन माली, आशीष शर्मा, कोमल धाकड़, रजत शर्मा, अमन गौड, कैलाश, शेखर सोनी, सुशील शर्मा, पंकज मुरोठिया, रवि वीरानी, भरत मेनारिया, गोविंद ईनाणी, अभिजीत वैष्णव, वैभव चैबीसा, विजय आदि उपस्थित रहे।