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चित्तौड़गढ़-ओलावृष्टि से जिले में हुए फसल खराबे की विशेष गिरदावरी त्वरित गति से शुरू, ज़िला कलक्टर कर रहे निरन्तर मोनिटरिंग।

 

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ओलावृष्टि से फसल खराबे के आकलन के लिए विशेष गिरदावरी के निर्देश दिए हैं। गहलोत ने निर्देश दिए हैं कि फसल खराबे का आकलन कर प्रभावित काश्तकारों को नियमानुसार मुआवजा देेने के लिए विशेष गिरदावरी का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
कृषि विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 8 मार्च को हुई ओलावृष्टि एवं बेमौसम वर्षा से फसल खराबे के संबंध में राज्य में कार्यरत 7 बीमा कंपनियों को अभी तक कुल 2546 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। इनमें अब तक प्रमुख रूप से भीलवाड़ा से 174, बूंदी से 229, चित्तौड़गढ़ 694, झालावाड़ से 238, जोधपुर से 527, कोटा से 249 तथा टोंक से 297 इंटीमेशन प्राप्त हुई हैं। योजना के प्रावधानों के अंतर्गत सर्वेक्षण के दौरान पात्र पाई गई इंटीमेशन को बीमा क्लेम का भुगतान संबंधित बीमा कंपनी द्वारा किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के प्रतापगढ़, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, पाली, भीलवाड़ा एवं जोधपुर जिलों में 8 मार्च को हुई ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान की प्रारम्भिक सूचना मिली थी। इसके आधार पर मुख्यमंत्री ने विशेष गिरदावरी कर जल्द से जल्द रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए हैं।
चित्तौड़गढ़ जिले में भी ओलावृष्टि से हुए फसल खराबे को लेकर सर्वे का कार्य फरीद गति से आरंभ कर दिया गया है। जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल निरंतर इसकी मॉनिटरिंग सुनिश्चित कर रहे हैं।
दिनांक 8 मार्च 2022 को पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में हुए आकस्मिक परिवर्तन के कारण जिले की चित्तौड़गढ़ , भदेसर , निम्बाहेडा , बडीसादडी , डूंगला व राशमी तथा दिनांक 09 मार्च को बेगूं व गंगरार तहसील में ओलावृष्टि एवं वर्षा के कारण रबी में बोई गई गहू , जौ , चना, सरसों, ईसबगोल, अफीम आदि फसलों में क्षति की सूचना पर 09 मार्च को ज़िला कलक्टर अरविंद कुमार पोसवाल द्वारा कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ चिकसी, बिलोदा , पंचतोली , सहनवा एवं रघुनाथपुरा गांवों में कृषकों के खेतों का भ्रमण कर फसलों में हुए नुकसान का निरीक्षण किया गया।
इस दौरान अफीम उत्पादक कृषकों द्वारा फसल में कैप्सूल फटने, पत्ते झड़ने तथा कई जगह तेज हवा चलने से अफीम के पौधों के टूटने एवं वर्षा से अफीम दूध के घुलने आदि कारणों से उत्पादन प्रभावित होने के सम्बन्ध में ज्ञापन भी प्रस्तुत कर नारकोटिक्स विभाग से अवलोकन कराये जाने का अनुरोध किया गया। जिले में ओलावृष्टि व वर्षा के कारण खडी व कटी हुई फसलों में हुए नुकसान के आकलन हेतु राजस्व व कृषि विभाग को निर्देश प्रदान कर दिये गये हैं।
किसानों से अनुरोध किया गया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अधिसूचित फसलो गहू जौ, चना, सरसों, ईसबगोल, मैथी आदि के लिये स्थानिक आपदा के तहत 72 घण्टे में जिले की अधिसूचित फसल बीमा कम्पनी यूनिवर्सल सोम्पो के टोल फ्री नं 18002005142 पर सूचना दें अथवा 7 दिवस में प्रार्थना पत्र भरकर सम्बन्धित बीमा कम्पनी, बैंक अथवा कृषि विभाग के कार्यालय में प्रस्तुत करें ताकि फसल में हुए नुकसान का आकलन कर स्थानिक आपदा के तहत बीमा क्लेम की गणना हो सके।
जिले में वृहद स्तर पर अफीम की बुवाई करने वाले कृषकों द्वारा प्रस्तुत ज्ञापनों के मध्यनजर ओलावृष्टि व वर्षा के कारण फसल के उत्पादन पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव के कम में उप नारकोटिक्स आयुक्त को अपने स्तर से फसल का अवलोकन करवा कर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही कराने हेतु निर्देशित किया गया है।

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