वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़।महेश वाटिका ग्राऊंड में चल रहे भागवत ज्ञान महोत्सव के पंचम दिवस मे भगवान श्री कृष्ण की बाललीलाओं का वर्णन करते हुए संत दिग्विजयराम महाराज ने कहा कि भगवान का प्राकट्य हुआ था तो ताले टूट गए, वसुदेव जी की बेड़ियां टूट गई थी, किंतु जब योग माया आई तो ताले वापस बंद हो गए यानि भगवान की भक्ति का जब जीवन में आगमन होता है तो भवबंधन टूट जाते हैं और जब माया आती है तो बंधन बंध जाते हैं। शिव द्वारा नंदलाल कन्हैया के दर्शन की सजीव झांकी से सभी मंत्रमुग्ध हो उठे। उन्होनें पूतना वध करणावर्त आदि राक्षसों के वध का जीवंत वर्णन किया। मनुष्य छोटे से जीवन में भी भगवन्नाम का गुणगान नहीं करता है और भौतिकता में पाश्चात्य संस्कृति में पड़ कर अपने जीवन को पतन की ओर ले जाता हैं। मनुष्य मुट्ठी बांधकर आता है और हाथ पसारे चला जाता हैं। इसलिए चेत कर मृत्यु पूर्व हम निश्चल प्रेम से अगर भगवान को स्मरण कर ले तो निश्चित ही मुक्ति के द्वार खुल जाएंगे। बकासुर वध गिरिराज धारण छप्पनभोग आदि कृष्ण की बाल लीलाएं के सभी प्रसंगों का भजनों के साथ वर्णन किया।
इस अवसर पर मंच पर विराजित संत श्री रमताराम महाराज, संत भगतराम महाराज, निर्मलराम महाराज, संत रामविश्वास महाराज का सोनी परिवार द्वारा अभिनंदन किया गया। कथा आयोजक कैलाश सोनी ने बताया कि 9 मार्च को महेश वाटिका में शाम को 7:00 बजे से डांडिया रास का आयोजन भी होगा। बंसीलाल, भंवरलाल, रमेशचंद्र, विनोद सोनी, भरत जागेटिया, लक्ष्मीनारायण डाड राकेश विजयवर्गीय आदि ने आरती में भाग लिया। मंच संचालन लीला आगाल ने किया।