वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@श्री अनिल सुखवाल।
चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ नगर परिषद क्षेत्र में आए दिन आवारा पशुओं के कारण या तो आमजन दुर्घटना का शिकार हो रहा है या फिर गली मोहल्लों में आवारा कुत्तों द्वारा आमजन व बच्चों को काट लिया जाता है जिससे उन्हें रेबीज जैसी गम्भीर बिमारी के खतरे से बचने के लिए निशुल्क लगने वाले महंगे इंजेक्शन लगाने को मजबुर होना पड़ता है। यहां हमने इंजेक्शन को महंगा इसलिए कहा है क्योंकि भले ही यह इंजेक्शन सरकारी अस्पताल में निःशुल्क लगाया जाता है लेकिन सरकार इसे खरीदने के लिए कम्पनियों को करोड़ों रूपए का भुगतान करती है जो कि जनता के टैक्स के पैसों से ही किया जाता है। वहीं दूसरी ओर आवारा पशुओं और कुत्तों को पकड़ने के लिए भी नगर परिषद ठेका देती है लेकिन नगर परिषद में मिलाभगती या फिर नगर परिषद के अधिकारियों के ऑफिस में बैठे बैठे ही ग़लत भुगतान करने के कारण शहर में करोड़ों रुपए के भुगतान उठने के बाद भी आवारा पशुओं की समस्या जस की तस बनी हुई है मानों आवारा पशुओं को पकड़ने वाले ठेकेदार उन्हें नगर भ्रमण कर वापस वहीं छोड़ने का ठेका उठा रहे हो।
हम यह सब इसलिए बता रहे हैं कि आजकल शहर के नाड़ोलिया गुर्जर बस्ती में आवारा कुत्तों का आतंक बना हुआ है यहां के स्थानीय निवासी चुन्नी लाल सुखवाल ने बताया कि मेरे एक पुत्र को 21 तो दूसरे पुत्र को 25 फरवरी को आवारा कुत्तें ने काट लिया है तो वहीं क्षेत्र के आम जन ने भी शिकायत की है कि नगर परिषद और जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी के चलते दिन ब दिन आवारा पशुओं और कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है आवारा कुत्तों द्वारा राहगीरों के पीछे पड़कर काट लिया जाता है और कई बार वाहन से राहगीर नीचे गिर कर गम्भीर चोटिल भी हो चुके हैं।
वही दूसरी ओर यही स्थिति मधुवन में भी बनी हुई है। मधुवन निवासी सुरेन्द्र जैन ने कहा कि यहाँ गली में करीब 1 दर्जन से अधिक कुत्तों की फ़ौज दिन भर ओर रात को गलियों में दौड़ती रहती है जिससे क्षेत्रवासियों का जीना हराम हो रहा है इन्हें जल्द यहाँ से पकड़कर अन्यत्र छोड़ा जाय ताकि क्षेत्रवासियों को परेशानी का सामना ना करना पड़े।
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