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निम्बाहेड़ा-कांग्रेस सरकार का बजट लोक लुभावना एवं घोषणाओं का हवाई पिटारा:कृपलानी।

 

वीरधरा न्यूज़।निम्बाहेड़ा@डेस्क।
निम्बाहेड़ा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा आज प्रस्तुत बजट मात्र लोक लुभावना एवं घोषणाओं का हवाई पिटारा है। कांग्रेस सरकार के पिछले तीन वर्षों में पेश किए गए बजट की घोषणाओं की भी अभी तक क्रियान्विती नही हो पाई है। राज्य के बजट पर उक्त प्रक्रिया देते हुए पूर्व यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने कहा कि बिजली की दरों में की गई कटौती ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। राज्य सरकार को विगत तीन वर्षों में की गई बिजली की दरों में वृद्धि के अनुपात के आधार में कमी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बजट से संविदाकर्मियों को भी नियमितीकरण की उम्मीद थी, इसको लेकर भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी है, उनकी वेतनवृद्धि भी बढ़ती महंगाई के अनुपात में नही की गई।
पूर्व मंत्री कृपलानी ने कहा कि बजट में चित्तौड़गढ़ जिले सहित निम्बाहेड़ा क्षेत्र भी खाली हाथ ही रहा है। उन्होंने निम्बाहेड़ा में पेयजल के लिए 106 करोड़ की घोषणा को भी पिछली भाजपा सरकार की योजना बताई, जिसे वर्तमान सरकार ने तीन वर्षों से अटका रखी है।
बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व विधायक अशोक नवलखा ने कहा कि निम्बाहेड़ा से मौजूदा केबिनेट मंत्री होने के बावजूद क्षेत्र के लिए बजट में कुछ भी खास नही कर पाएं हैं। उन्होंने कहा कि एशिया का सबसे बड़ा सीमेंट हब होने तथा चौ तरफा राष्ट्रीय एवं राज्य मार्गों से जुड़ा होने के कारण निम्बाहेड़ा को स्वास्थ्य के क्षेत्र में विगत तीन बजटों की तरह इस बजट से भी निराश ही होना पड़ा है। भाजपा की पिछली सरकार में स्वीकृत 100 बेड के उपजिला चिकित्सालय को भी वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिकोण से बढ़ाया जाना चाहिए था, वहीं चिकित्सालय में ब्लड बैंक की महती आवश्यकता थी, उसकी आस भी अधूरी ही रह गई। उन्होंने बताया कि उपजिला चिकित्सालय में ब्लड बैंक को शुरू करने के लिए वण्डर सीमेंट द्वारा पिछली सरकार के कार्यकाल में उपलब्ध करवाई गई लाखों रुपयों की मशीनों पर धूल जम रही है, वहीं ब्लड बैंक के गंगरार में खोले जाने की घोषणा से निम्बाहेड़ा में ब्लड बैंक के सपने को धक्का लगा है।
नगर मण्डल अध्यक्ष नितिन चतुर्वेदी ने बजट प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य सरकार को बिजली की दरों में कटौती के साथ ही बेवजह लगाए जा रहे अस्थाई शुल्क को भी हटा कर विद्युत उपभोक्ता को राहत प्रदान करना चाहिए थी। चतुर्वेदी ने बताया कि राज्य सरकार को इस बजट में पूर्ववर्ती वसुन्धरा राजे सरकार के समय राज्य मार्गों पर की गई टोल माफी को पुनः बहाल करना चाहिए थी, जिससे आमजन को बड़ी राहत मिल सकती थी, लेकिन यहां भी आमजन को आर्थिक रूप से दोहरी मार सहन करना पड़ेगी। बजट में जिला स्तर पर नर्सिंग कॉलेज खोले जाने की घोषणा में भी चित्तौड़गढ़ जिले को निराश ही होना पड़ा है। चतुर्वेदी ने बताया कि जिले के निम्बाहेड़ा स्थित महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्र से अधिक छात्राओं की संख्या है, यहां अलग से कन्या महाविद्यालय खोले जाने की आवश्यकता महती आवश्यकता थी, साथ ही क्षेत्र से बड़ी संख्या में बीएड के अध्ययन के लिए छात्र-छात्राएं बाहर जाते हैं, इसके लिए निम्बाहेड़ा में ही बीएड कॉलेज खोलकर विद्यार्थियों को बड़ी राहत दी जा सकती थी।
भाजपा जिला किसान मोर्चा अध्यक्ष गब्बर सिंह अहीर ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य सरकार का कृषि बजट भी मात्र घोषणाओं का पिटारा नजर आ रहा है। इस बजट से किसानों को कुछ भी खास लाभ होता नहीं दिख रहा है। राज्य सरकार जहाँ अपनी पिछली कर्ज माफी की घोषणा के वादे को नही निभा सकी है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के कार्यकाल में शुरू की गई 10 हजार रुपये सालाना सब्सिडी को पुनः शुरू किया जाना चाहिए था, जिसे मुख्यमंत्री गहलोत ने सत्ता में आते ही बंद कर दिया था।
पूर्व मंत्री कृपलानी, पूर्व विधायक अशोक नवलखा सहित प्रधान बगदीराम धाकड़, भाजपा नगर मंण्डल अध्यक्ष नितिन चतुर्वेदी, पूर्व पालिका उपाध्यक्ष पारस पारख, भाजपा पूर्वी ग्रामीण मंडल अध्यक्ष अशोक जाट, पश्चिम ग्रामीण मंडल अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह, कनेरा अध्यक्ष जुगल धाकड़, नगर महामंत्री मंयक अग्रवाल, विजय काबरा, पारस विरवाल, उपाध्यक्ष वर्षा कृपलानी, विमल कोठारी, श्याम सुंदर मुंदड़ा, देवकरण समदानी, गोपाल पंचौली, प्रहलाद राजोरा, नगर मंत्री महिपाल सिंह राणावत, कालू सेन, कमलेश बनवार, पुष्कर सोनी, कैलाश अहीर, इंद्रा भाम्बी रोशन राठौड़, गोपाल कुमावत, प्रमोद वैष्णव, रतनलाल वैष्णव, कुशाल मारू, एससी मोर्चा अध्यक्ष विजय बैरवा, किसान मोर्चा अध्यक्ष प्रकाश शर्मा, ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष लाला दशोरा गोपाल लाल वैष्णव, सत्यनारायण मेनारिया, शिवदयाल कुमावत, पार्षद अतुल सोनी जगदीश माली, महिला मोर्चा अध्यक्ष एवं पार्षद आरती शर्मा सहित भाजपा पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने इस बजट को निराशाजनक व तुष्टिकरण से परिपूर्ण बताया है।

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