विवाह समारोह में मेहमानों की संख्या 100 से अधिक हुई तो 25 हजार जुर्माना ओर काटनी पड़ सकती है जेल की हवा- डीएम
वीरधरा न्यूज़। चित्तौड़गढ
जिला मजिस्ट्रेट के.के.शर्मा ने आदेश जारी कर विवाह संबंधी आयोजन में आमंत्रित मेहमानों (अतिथियों ) की संख्या को नियंत्रित करने के संबंध में निर्देश जारी किए है।
आदेश के अनुसार बिना लिखित सूचना विवाह समारोह आयोजित करने पर अथवा फेस मास्क , सोशल डिस्टेसिंग एवं सेनेटाइजेशन एवं कोविड की गाइड लाइन की पालनानहीं करने पर 5 हजार रू. का जुर्माना तथा विवाह समारोह में 100 अधिक व्यक्तियों के शामिल होने पर 25 हजार रू. का एवं फेस मास्क नहीं लगाने पर 500 रुपये जुर्माना किये जाने का प्रावधान है। निर्देशानुसार विवाह संबंधी आयोजन हेतु कर्ता एवं आयोजन स्थल के संचालक/स्वामी द्वारा पालना सुनिश्चित की जाये । विवाह के आयोजन के संबंध में आयोजनकर्ता एवं आयोजन स्थल स्वामी/ संचालन द्वारा कम से कम तीन दिवस पूर्व उपखण्ड मजिस्ट्रेट को विवाह आयोजन की सूचना देनी होगी। आयोजन में यह सुनिश्चित किया जाए कि आमंत्रित मेहमानो की संख्या 100 से अधिक नहीं हो।
वैवाहिक कार्यक्रमों के दौरान सामाजिक दूरी सूनिश्चित की जाए, फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा ‘‘ नो मास्क नो एन्ट्री ’’ की सख्ती से पालना की जाए, प्रवेश एवं निकास के बिन्दुओं पर थर्मल स्केनिंग, हैण्डवाश एवं सेनेटाइजर के प्रावधान किए जाए, रेलिग्ंस, डोर हैण्डंल्स, सर्विस स्पून आदि की बार-बार सेनेटाइज किये जाए। विवाह समारोह के आयोजनकर्ता को आयोजन की अनिवार्य रूप से वीडियोग्राफी कराना आवश्यक होगा। संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट द्वारा आवश्यकता महसूस होने पर टीम गठित कर विवाह समारोह की वीडियोग्राफी कराई जावे। विडियोग्रफी के अवलोकन करने पर यदि यह पाया जाता है कि समारोह में निर्धारित संख्या से अधिक मेहमानों को आमंत्रित कर प्रावधानों की अवहेलना करने पर आयोजनकर्ता के विरूद्ध निर्धारित शास्ति राशि वसूल करने के साथ अन्य विधि सम्मत कार्यवाही की जावेगी ।
इन बिन्दुओं की पालना नहीं करने यथा आयोजन की सूचना नहीं देने, सूचनाउपरांत विवाह समारेह/अन्य आयोजना में 100 से अधिक व्यक्तियों को एकत्रित किया जाता है, व कोविड गाईड लाइन की पालना नहीं करने पर आयोजनकर्ता एवं विवाह स्थल/वाटिका, गार्डन, होटल संचालन-स्वामी के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता 1860 के की धारा 188, 269 ,270 के तहत अभियोजन पर दो वर्ष तक के कारावास एवं जुर्माने तथा आपदा प्रबंध अधिनियम 2005 की धारा 51 एवं 52 के तहत अभियोजना पर दो वर्ष तक के कारावास एवं जुर्माने और राजस्थान महामारी अधिनियम 2020 के सक्षम प्रावधानों के तहत आवश्यक कार्यवाही की जासकती है तथा संबंधित विवाह स्थल, वाटिका,गार्डन, होटल संचालक-स्वामी के विरूद्ध भी कार्यवाही करते हुए उसको अग्रिम आदेश तक सील करने की कार्यवाही की जाएगी ।