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शंभूपुरा-अतिक्रमण पर लुका छिपी का खेल खेल रही शंभूपुरा पंचायत, आखिर क्यों बचाने में लगी अपने पार्टी के नेताओ को।

वीरधरा न्यूज।शंभूपुरा@डेस्क।
शंभूपुरा।जिले में जहां जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा अतिक्रमण को लेकर पूर्णतः संवेदनशील है वही ग्राम पंचायतों के सरपंच और पंचायत स्टाफ कहीं ना कहीं अभी भी अतिक्रमण को बढ़ावा देने में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
बता दें कि शंभूपुरा ग्राम पंचायत जिसे जिले में अतिक्रमण का गढ़ कहा जाता है जहां गौचर भूमि हो या सरकारी जमीन या फिर रोड की जमीन लोगों ने कहीं नहीं छोड़ा लेकिन ग्राम पंचायत ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने के बजाए मौन धारण कर बैठी है जिस पर कहीं ना कहीं ग्राम पंचायत की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं।
गौरतलब है कि क्षेत्र में अतिक्रमण का यह बड़ा मुद्दा प्रशासन गांवों के संग शिविर में भी उपखंड अधिकारी के समक्ष से ग्रामीणों द्वारा उठाया गया था जिसके बाद लगातार समाचार प्रकाशन से ग्राम पंचायत ने मामले का संज्ञान लेते हुए उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद अतिक्रमण की हुई कुछ जमीन को तो अपने कब्जे में ले लिया लेकिन अभी भी उससे भी कहीं ज्यादा जमीन अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है लेकिन उसे ग्राम पंचायत अतिक्रमण मुक्त करवाने के बजाय लुका छुपी का खेल खेल रही है और यह कहना गलत नहीं होगा कि स्थानीय सरपंच अपनी पार्टी के नेताओं को बचाने में लगे हुए हैं।

करोड़ों की जमीन पर अतिक्रमण

वैसे तो शंभूपुरा में जगह जगह पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है लेकिन सबसे बड़ी बात ग्राम पंचायत के सामने पड़ी मुख्य रोड पर करोड़ों की जमीन पर कई समय से लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है जिस पर बार-बार शिकायतों के बाद भी किसी तरह की तरह की प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाना कहीं ना कहीं ग्राम पंचायत की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहा है

अपनी पार्टी के नेता को बचाते दिख रहे सरपँच

शंभूपुरा से होकर गुजर रही शंभूपुरा सावा मुख्य सड़क जो पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आती हैं उस सड़क पर एक तथाकथित नेता द्वारा अतिक्रमण कर पक्का निर्माण करवा लिया लेकिन राजनीति व पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते कहीं बार शिकायतों यहां तक की नोटिस के बावजूद किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो पा रही हैं वहीं ग्रामीणों ने बताया कि तथाकथित नेता सरपंच की पार्टी का होने से सरपंच उन्हें शरण रहे दे रहे हैं और बचाते हुए कार्रवाई से दूर रखा जा रहा।

ग्रामीणों ने बताया कि जब ग्राम पंचायत द्वारा अन्य ग्रामीणों द्वारा किया गया अतिक्रमण को हटाया जा रहा है तो अपनी पार्टी के नेताओं पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही यह भेदभाव पूर्ण कार्रवाई नहीं चलने देंगे और अगर जरूरत पड़ी तो आंदोलन किया जाएगा जिसके जिम्मेदार ग्राम पंचायत और प्रशासन होगा।

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