वीरधरा न्यूज़।चित्तोडगढ़@श्री अनिल सुखवाल।
चित्तौड़गढ़। जिले में आज जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील शाखा चित्तौड़गढ़ के बैनर तले संगठन के पदाधिकारियों ने एकत्रित होकर एनपीएस पद्धति के आधार पर सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन दिए जाने का विरोध करते हुए एनपीएस पेंशन के पैम्फलेट जलाकर नारेबाजी कर राज्य व केंद्र सरकार को एनपीएस से कर्मचारियों और अधिकारियों को सेवानिवृत्ति के बाद होने वाली हानियों से अवगत कराया।
राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील के सभी मौजूद पदाधिकारियों ने अपने संगठन के बैनर तले राज्य एवं केंद्र सरकार से पुरानी पेंशन स्कीम को पुनः बहाल कर लागू करने की मांग रखी।
संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोपेश कोदली ने बताया कि 1 जनवरी 2004 के बाद से राजकीय सेवाओं में शामिल होने वाले समस्त राज्य एवं केंद्र सरकार के कार्मिकों और अधिकारियों जिसमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लेकर जिला कलेक्टर तक सम्मिलित हैं, को उनकी सेवानिवृत्ति के पश्चात् एनपीएस पद्धति के आधार पर पेंशन प्रणाली से जोड़ा गया है। एनपीएस पद्धति में कर्मचारियों और अधिकारियों की कटौती का पैसा जिसमें सरकार का अंश भी शामिल होकर उसे म्यूच्यूअल फंड में निवेश किया जा रहा है और इसके आधार पर यह एक निवेश का मामला अनसिक्योर्ड बाजार से जुड़े होने के कारण पेंशनर्स को 8 सौ से 12 सौ रुपए मात्र की मासिक पेंशन मिलेगी जो कि उनके जीवन में गुजारे भत्ते के रूप में अपर्याप्त होगी। इसलिए राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील ने सरकार से मांग की है कि सभी कर्मचारियों और अधिकारियों पर लागू एनपीएस पद्धति को रद्द कराकर ओपीएस पद्धति लागू की जाए।
विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील के प्रदेश कोषाध्यक्ष कालूराम खटीक के नेतृत्व में गोपेश कोदली, किशन लाल सालवी, सुरेश खोईवाल, राजेंद्र प्रसाद सुखवाल, शिव कोदली, सुभाष घारू, हंसराज सालवी, दिनेश सालवी, हरिओम सिंह पंवार आदि ने नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम के द्वारा केन्द्र और राज्य सरकार का एनपीएस पेंशन पैम्फलेट जलाकर विरोध किया।
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