वीरधरा न्यूज़।चित्तोडगढ़@डेस्क।
चित्तोडगढ़।बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर देश के पहले कानून मंत्री और संविधान निर्माता से भी अधिक पिछड़ेपन के कारणों की छानबीन करने वाले दार्शनिक और सामाजिक चिंतक थे जिन्होंने समाज के सबसे कमजोर तबकों को मुक्ति की राह दिखाई स्वतंत्र आंदोलन में उन्होंने सामाजिक न्याय की विषय वस्तु दी यह बात बहुजन समाज पार्टी जिला उपाध्यक्ष शंकरलाल मेघवाल बिलड़ी ने खटीक समाज धर्मशाला आसावरा में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के 65वें परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित विचार गोष्ठी में कहीं साथ ही आगे कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर को बचपन में जाति प्रथा के अनेक प्रकार की बाधाओं का सामना करना पड़ा स्कूल में भी उन्हें अलग बैठना पड़ता था। इन बाधाओं को समाप्त करने के लिए उन्होंने शिक्षा को ही हथियार बनाने का संकल्प लिया।
इतिहास गवाह है कि उन्होंने इतनी डिग्री हासिल की जो कि एक रिकॉर्ड है।
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर परिनिर्वाण दिवस पर हुई विचार गोष्ठी में बड़ी सादड़ी विधानसभा अध्यक्ष सुरेश चंद्र नायक करेडिया, नरेश खटीक, आशीष लक्षकार, विजय लक्षकार, किशन लाल मानजी का गुंडा, मिथुन साल का खेड़ा, लोकेश मेघवाल, बाबूलाल राठौर, अंबालाल राठौड़ महेंद्र राठौड़ मनोज खटीक, देव प्रकाश मेघवाल, प्रकाश मेघवाल, गणपत लाल भील, प्रकाश मेघवाल, ओम प्रकाश राठौड़ आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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