भूपालसागर-नरेगा एप बना मेटों के लिए जी का जंजाल, परेशानी का शबब। नरेगा मस्टररोल कार्य पर आकर घर लोटे श्रमिक।
वीरधरा न्यूज़।भूपालसागर@श्री शेख सिराजुद्दीन।
भुपालसागर। भुपालसागर आसपास क्षेत्र नरेगा मे मोबाईल एप बना मेटों के लिए जी का जंजाल, बना परेशानी का शबब। भुपालसागर पंचायत समिति की ग्राम पंचायतों मे नरेगा द्वारा चलाए जा रहे कार्यों पर मेटों के पास मोबाईल फोन नहीं होने से कई मेट तो घर पर बैठ गये। जिन मेटों के पास मोबाईल फोन थे, उन्हीं को काम का मिला मस्टररोल कार्य। लेकिन मोबाईल एप नहीं चलने से उपस्थिति दर्ज नहीं हो सकी । मेट ने कहीं बार कौशिश करने के बाद भी नरेगा मोबाईल एप नहीं चला, जिससे मेट भारी उल्झन परेशानियों में है। कहीं जगाहों पर ये समस्याएं उतपन्न हो रही है। मेटों ने बताया कि भुपालसागर पंचायत समिति भुपालसागर एम आई एस व नरेगा अन्य कार्मिक फोन भी नहीं उठाते है, जो फोन उठाते है उनसें सही सीधा समाधान नही मिल रहा है। मेट व श्रमिक अभी भी पशोपेश में ही है। पंचायत समिति भुपालसागर की कई ग्राम पंचायतों मे नरेगा श्रमिक राशि रूकीं हुई है, अपनी मजदूरी के लिए दर-दर भटक कर निराश हो गये। लेकिन श्रमिक को को अपने नरेगा मे किये कार्य की मजदूरी अभी तक नहीं मिली है। दर दर भटकने को मजबूर हैं। मेटों द्वारा ग्राम पंचायत व पंचायत समिति जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को कहीं बार अवगत करा दिया लेकिन फिर भी श्रमिकों की राशि नहीं आई। मजदूरों की राशि नहीं मिलना।नरेगा अधिकारियों की गौर लापरवाही जगजाहिर हो रही है। वास्तविक धरा पर कार्य देखा जाए या कार्य का अधिकारियों द्वारा अंकेक्षण (निरीक्षण) किया जाये तो कईयो की पोल खुल जाएगी।
नरेगा मे कोई धनी धोरी नहीं लग रहें है।
रविवार को भुपालसागर पंचायत समिति के ग्राम पंचायत फलासिया मे नरेगा श्रमिकों का मस्टररोल कार्य चल रहा है। नरेगा मेट जगदीश भील ने बताया कि मे नरेगा मस्टररोल मे चार दिन से नरेगा मोबाईल एप से हाजरी भरने की ट्राई कोशिश कर रहा हूं लेकिन चार दिन से सारी कोशिशों के बाऊजूद हाजरी नहीं भरा पा रही है। पंचायत समिति भुपालसागर भी मेट जाकर आया सारी कोशिशें नाकाम साबित हो रही है। परेशान मेट ने रविवार को कार्य पर पहुंची लेबर (श्रमिकों) की मोबाइल में रिकॉर्ड कर सारी कार्य पर आई लेबर को घर भेज दिया। मेट ने मोबाइल मे रिकॉर्ड कर सारी जिम्मेदारी प्रशासन भुपालसागर पंचायत समिति नरेगा कर्मचारियों को जिमेदार बताया। एक तरफ प्रशासन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नरेगा पर विशेष ध्यान दे रहें हैं वहीं भुपालसागर पंचायत समिति ग्राम पंचायतों की लेबर काम पर आकर, निराश घर लौट रही हैं। आखिर इसका जिम्मेदार कौन है ?