वीरधरा न्यूज़।चित्तोडगढ़@डेस्क।
चित्तोडगढ़।समकित के संग समकित की यात्रा, स्ट्रेसफुल लाइफ का सोल्युशन की प्रवचन श्रृंखला में भीमगढ़ में सांय प्रवचन कार्यक्रम में डॉ समकित मुनि ने कहा कि किसी भी संकट को सुनकर,उसके स्वरूप को जानकर उससे हाथ मिलाकर दोस्ती कर उस संकट को पार किया जा सकता है। संकट के समय मन से कभी गरीब मत बनना। समस्याओं से भागने से समस्या कभी समाप्त नहीं होती।समस्याओं को देखकर पलायन न करें। न उनसे भागें न उनसे निपटने के बजाय दूर भागें। सफल होने के लिये कभी गलत रास्ता न चुने।
कठिनाइयों का सामना रोने धोने से नहीँ आत्मशक्ति से करें।आंसू से समस्या धुल भले ही जाए पर समाप्त नहीं होती है।रोने को मान सम्मान देकर हम समस्याओं को घरजंवाई बना लेते हैं।
सुख हो या दुख के पल हों दोनों स्थितियों में एक समान रहें क्योंकि इन दोनों स्थितियों के बीच भी धर्म हो सकता है। समस्याओं को नजर अंदाज करें ,ध्यान न देवें संकट अपने आप टल जायेगा।
यदि संकट आ जाये तो दिमाग स्थिर और संतुलित रखें।अशांति संकटों को ओर बढ़ाती है। दूसरों को सफलता-सम्मान मिलता देख कर परेशान न हों। तुलनात्मक विचार मुसीबत को मोल लेने के बराबर है।
आदमी जितना दूसरों के लिए अच्छा होता है यदि वह उतना ही अपने घरवालों के लिये अच्छा बन जाये तो जिंदगी सफल है। रविवार को भीमगढ़ में आयोजित प्रवचन कार्यक्रम का संचालन श्रीसंघ के रतनलाल हिंगड़ ने किया। बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकओं ने प्रवचन का लाभ लिया।
श्रीसंघ प्रचार मंत्री सुधीर जैन ने बताया कि सोमवार को डॉ समकित मुनि के प्रवचन जैन स्थानक भीमगढ़ में प्रातः 9.30 बजे होंगे। रविवार को भीमगढ़ में आयोजित प्रवचन कार्यक्रम का संचालन श्रीसंघ के रतनलाल हिंगड़ ने किया।
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