जिला चिकित्सालय संघर्ष समिति ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर की मांग रिश्वत मांगने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों को करें बर्खास्त
पत्रकार श्री भगत वर्मा की रिपोर्ट
नीमच। पिछले दिनों जिला चिकित्सालय में प्रसूति के नाम पर अवैध तरीके से रूपए मांगने का विडियों वायरल हुआ था, जिस पर प्रशासन ने संबंधित स्वास्थ्यकर्मियों को नोटिस देकर जवाब तलब किया था पर मामले में कोई कार्रवाई आज तक नहीं हो पाई है,जिसे देखते हुए जिला चिकित्साल संघर्ष समिति ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। रिश्वत मांगने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों को बर्खास्त करने की मांग को लेकर संघर्ष समिति के तरुण बाहेती,संदीप राठौर,भगत वर्मा,आशा साम्भर ने बुधवार को जिला कलेक्टर जितेंद्र राजे से मिल कर जिला चिकित्सालय में व्यवस्था सुधार की चर्चा कर ज्ञापन भी दिया।
जिला चिकित्सालय संघर्ष समिति ने ज्ञापन में बताया कि पिछले दिनों जिला चिकित्सालय नीमच में डिलीवरी के नाम पर अवैध रूपये मांगने का विडियों वायरल हुआ था जिसमें स्टाफ नर्स द्वारा प्रसूति के नाम पर रूपये की मांग की गई थी । जिस पर प्रशासन ने जांच के निर्देश दिये हैं। इसके पूर्व में भी जिला चिकित्सालय के प्रसूति विभाग में बच्चेदानी के आपरेशन के नाम पर रूपये मांगने की घटना हो चुकी है। इसके अलावा भी पूर्व में कई रिश्वत के कई मामले उजागर हो चुके हैं। जिसकी भी तत्कालीन कलेक्टर ने जांच कराई थी,किंतु जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों की मिलीभगत से जिला प्रशासन ने पूर्व की जांच रिपोर्ट को दबा दिया था,जिसके कारण दोषी कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई थी। वर्तमान में वायरल हुए विडीयों से स्पष्ट हैं कि डिलीवरी के नाम पर नर्स द्वारा रूपये मांगे गए हैं । इसमें प्रथम दृष्टया अपराध होता दिख रहा हैं । ऐसे में जांच पूरी होने तक आरोपी मेडीकल स्टॉफ को अपदस्थ एवं जांच में दोषी पाये जाने पर शासकीय सेवाओं से बर्खास्त किया जाए।
जिला कलेक्टर से चर्चा के दौरान यह भी बताया गया कि जिला चिकित्सालय नीमच में अव्यवस्थाएं किसी से छिपी नहीं हैं। कोरोना महामारी के नाम पर जिला चिकित्सालय में विशेषकर डिलीवरी मामले एवं बच्चे दानी के आपरेशन के मामले में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। पदस्थ महिला चिकित्सकों ने कोरोना महामारी के नाम पर जिला चिकित्सालय में बच्चे दानी के आपरेशन पर स्वघोषित रोक लगा दी एवं मरीजो को प्रायवेट हॉस्पीटल में भेजा गया। इन्हीं जिला चिकित्सालय की पदस्थ महिला चिकित्सकों ने भेजे गए प्रायवेट हॉस्पीटल में जाकर बड़े पैकेज लेकर बच्चेदानी के आपरेशन किए हैं । यह एक गंभीर अपराध हैं । शासकीय सेवाओं में पदस्थ महिला चिकित्सक प्रायवेट हॉस्पीटल में ईलाज करना सेवा नियमों के विरूद्ध हैं ।
अभी भी नहीं होती आपरेशन से दूसरी डिलिवरी
कलेक्टर से चर्चा में बताया की जिला चिकित्सालय में महिला चिकित्सकों द्वारा लंबें समय से आपरेशन से दूसरी डिलिवरी पर स्वघोषित रोक लगा रखी हैं, जबकि शासन के ऐसे कोई निर्देश नहीं हैं । सभी महिला चिकित्सक नीमच के ही निजी चिकित्सालय में प्रसूताओं के परिवार जनों को भेजकर कमीशन के नाम पर आर्थिक लाभ कमाती हैं,जिससे डिलीवरी करवाने वाले परिवार पर 40 हजार से 50 हजार का आर्थिक बोझ पड़ता हैं । ज्ञापन में मांग की गई कि इस मामले में भी अतिशीघ्र नीमच जिला चिकित्सालय में दूसरी प्रसूति डिलीवरी प्रारंभ करवाये, जिससें गरीबों को मदद मिल सके । ज्ञापन में बताया कि जिला चिकित्सालय में ईलाज के नाम पर रूपये लेने में मेडिकल स्टॉफ काफी गहराई तक शामिल हैं । यह मेडिकल स्टॉफ विगत 15 वर्षो से बिना किसी स्थानान्तरण के नीमच जिला चिकित्सालय में ही पदस्थ हैं । ऐसे में नीमच जिला चिकित्सालय के मेडिकल स्टाफ को शीघ्र जिले के अन्य तहसीलों के अस्पताल में स्थानांतरण कर पदस्थ किया जाए,जिससे नीमच जिला चिकित्सालय में रिश्वत लेने के मामलो में कुछ हद तक रोक लग सके । संघर्ष समिति ने पूर्व में भी जिला चिकित्सालय में रिश्वत खोरी,भ्रष्टाचार,अव्यवस्थाओं की शिकायतों के मामलों की कई रूकी हुई जांचों पर भी गम्भीरता से ध्यान देकर पूर्व की जाचों को शीघ्र पूरी करवा एवं पूरी हो चुकी जांचों में कार्रवाई करने की मांग करी है ।
ज्ञापन देने में के दौरान तरुण बाहेती,संदीप राठौर,भगत वर्मा,आशा सांभर उपस्थित थे।