वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़।भारत- तिब्बत संवाद मंच राजस्थान संभाग के अध्यक्ष भारती वैष्णव की अध्यक्षता मे चित्तौड़गढ़ में रविवार को आयोजित विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित संवाद मंच के राष्ट्रीय महामंत्री मिहिरकुमार शिकारी ने कहा कि भगवान भोलेनाथ के स्थायी निवास कैलाश मानसरोवर की मुक्ति, तिब्बत की आजादी, पर्यावरण की सुरक्षा, हिमालय की रक्षा एवं अन्य सम- सामयिक मुद्दों पर कार्यरत भारत- तिब्बत संवाद मंच को अपने पूर्व कार्यों एवं दायित्वों के अतिरिक्त चीन और पाकिस्तान से अपनी भूमि वापस लेने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है।चीन सरकार की “एक चीन नीति” अब नहीं चलेगी चीन सरकार का आकलन होगा कि उसकी दी हुई कोरोना महामारी से अन्य देश अपनी कंगाली और परेशानी से जूझ रहे होंगे। किसी को भी तिब्बत मामले में रुचि लेने का अवसर नहीं मिलेगा। लेकिन भारत तिब्बत संवाद मंच एवं विश्व समुदाय की तिब्बत संबंधी सक्रियता ने चीन की नींद उड़ा दी है।अपनी शर्मिंदगी छिपाने के लिए वह कई नए-पुराने हथकंडे अपना रहा है।इसके विपरीत चीन को चाहिए कि वह भारत में धर्मशाला स्थित तिब्बत सरकार, जो कि लोकतांत्रिक तरीके से तिब्बती समुदाय द्वारा चुनी गई हैं, की भावनाओं के अनुरूप तिब्बत समस्या का हल निकाले। तिब्बती राष्ट्रीय जनक्रांति दिवस के औपचारिक आयोजन में निर्वासित, साथ ही निर्वाचित तिब्बत सरकार के रुख से स्पष्ट है कि समस्या का हल हैं तिब्बत को वास्तविक स्वायत्तता।चीन ने अभी तथाकथित स्वायत्तता प्रदान की है।उसने इसकी आड़ में तिब्बती भौगोलिक क्षेत्र को काट-छाँटकर तथा चीन के भूभाग में मिलाकर विकृत किया है।तिब्बतियों को स्वशासन का अधिकार नहीं है। भारती वैष्णव के मार्गदर्शन में संचालित संवाद मंच की इस राजस्थान संभाग बैठक में मिहिरकुमार शिकारी ने स्पष्ट तौर पर बिना किसी लाग- लपेट के चीन और पाकिस्तान को लताड़ते हुए कहा कि ये दोनों देश आये दिन किसी न किसी रूप में भारत को परेशान करने में लगे रहते हैं। चीन की बात की जाए तो उसने पूरी दुनिया की नाक में दम कर रखा है। चीनी वायरस कोरोना के कारण पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था धराशायी हुई पड़ी है। कोई भी देश यदि पूरी दुनिया के लिए संकट बन जाए तो उसे सबक सिखाना बहुत जरूरी हो जाता है। चीन और पाकिस्तान के कारण भारत का बहुत अधिक पैसा सुरक्षा पर खर्च हो रहा है। ऐसी स्थिति में भारत- तिब्बत संवाद मंच के कार्यकर्ताओं को प्रधानमंत्री पर इतना दबाव बना देना होगा कि सरकार अपनी भूमि को चीन और पाकिस्तान से वापस लेने के लिए बाध्य हो जाये। चीन और पाकिस्तान के लिए वह भाग भले ही मात्र भूमि का टुकडा हो किंतु हम भारतवासियों के लिए वह भूमि माँ के समान है, इसीलिए हम लोग भारत भूमि को भारत माता कहते हैं।
चीन के पास भारत की कब्जाई हुई 20,000 वर्गमील यानी कि 51200 वर्ग किलोमीटर जमीन है और वो अपनी विस्तारवादी नीति को लेकर भारत के पूर्वोत्तर राज्यों एवं लेहलद्दाख़ की भूमि अधिग्रहण कर भारत को हंमेशा परेशान करता रहता हैं और पाकिस्तान के कब्जे में हमारी जितनी भी भूमि है, उसे वापस लेने के लिए मंच के कार्यकर्ता पूरे देश में अभियान चलाएं, जन जागरण करें, धरना- प्रदर्शन एवं आंदोलन के माध्यम से अपनी भूमि को वापस लेने के लिए भारत सरकार को बाध्य करें। हमें पूरा विश्वास है कि अपनी जमीन वापस लेने के लिए भारत सरकार को विवश होकर आगे आना ही होगा।
मिहिरकुमार शिकारी ने कहा कि संवाद मंच के कार्यकर्ता पूरे देश में जन जागरण अभियान चलाकर भारत सरकार पर इतना अधिक दबाव बना दें कि सरकार को विवश होकर पाक अधिकृत जम्मू- कश्मीर (पी.ओ.जे.के.), गिलगित-बाल्टिस्तान और अकसाई चीन को अपने कब्जे में लेना ही पड़े। शिकारी ने कहा कि बात सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि चीन को तिब्बत से भागने के लिए विवश भी किया जायेगा। जाहिर सी बात है कि जब तिब्बत आजाद हो जायेगा तो कैलाश मानसरोवर आतताई चीन के कब्जे से अपने आप मुक्त हो जायेगा।
शिकारी ने पूरे आत्म विश्वास के साथ कहा कि बाबा विश्वनाथ की कृपा से हम लोग अपने मिशन में जरूर कामयाब होंगे। वैसे भी संवाद मंच के कार्यकर्ता इस बात के लिए पूर्ण रूप से तैयार हैं कि जब तक भारत की एक- एक इंच जमीन वापस नहीं ले लेंगे, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे।
इस अवसर पर राजस्थान संभाग की अध्यक्ष भारती वैष्णव ने सभी कार्यकर्ताओं का आभार एवं धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि चित्तौड़ प्रांत के कार्यकर्ता भी इस मिशन में बहुत जोरदार तरीके से कार्य कर रहे हैं।
साथ ही मोजुद पदाधिकारी ने भारत तिब्बत संवाद मंच एक परिचय किताब का विमोचन किया।
इस दौरान राष्ट्रीय महामंत्री मिहिर भाई सीकारी, राजस्थान सम्भाग अध्यक्ष भारती वैष्णव, संरक्षक राकेश शास्त्री, छतीसगढ़ मध्यप्रदेश प्रभारी श्याम लाल शर्मा बिजयपुर, प्रदेश उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह सुरजनियास, महिला जिलाध्यक्ष गायत्री उपाध्याय, सुनैना लोहार आदि मौजूद रहे।
इस अवसर पर मोजुद पत्रकारों का मंच द्वारा उपरना ओर शॉल ओढ़ाकर अभिनन्दन किया गया।