वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क
चित्तौड़गढ़।ज्ञाननवान बनना, ज्ञानवंत होना बहुत बड़ी बात है। जो ज्ञान की पूर्ण आराधना कर लेता है वह मोक्ष को प्राप्त कर लेता है ।पूर्ण आराधना का मतलब है 14 गुरुओं का ज्ञान होना ।सबसे ज्यादा ब्याज ज्ञान में पूंजी लगाने से मिलता है, ज्ञान मरने के बाद भी साथ ही जा सकता है ज्ञान की साधना आराधना कभी निष्फल नहीं होती है। ज्ञानी वही हो सकता है जो सहनशील होता है ।स्कूल के दिनों में हर विद्यार्थी के बैग में एक रफ कॉपी होती है और अन्य कॉपीयां भी होती है। रफ काफी खुद बदरंग होकर भी दूसरी सभी कॉपियों को सुंदर बनाए रखती है। इसी तरह हमारे घर परिवार में भी परिवार के किसी एक सदस्य की भूमिका एक रफ कॉपी की तरह होती है जो परिवार के बाकी सदस्यों को संवारने में लगा रहता है। घर परिवार में ऐसे व्यक्ति जो हमारे को बनाने के लिए स्वयं मिट जाते हैं उनके साथ आपका बर्ताव कैसा है यह गंभीरता से सोचना चाहिये। हम उनका सम्मान करें उनकी केयर करें । परिवार दीवारों से नहीं बनते हैं बल्कि घर में रहने वाले लोगों के प्रेम, श्रद्धा और विश्वास से बनते हैं। परिवार में गुस्से की ताकत की बजाय हम प्रेम की ताकत बताएं ।चंडकौशिक सांप ने गुस्से की ताकत दिखाई तो प्रभु महावीर ने प्रेम की ताकत दिखाई और परिणामस्वरूप वो उनका भक्त बन गया। ज्ञानी वही है जिसके जीवन में समता आ जाए। विपरीत परिस्थितियों में हम स्वयं को संभाल कर रख सके सम भाव में रह सके इसके लिए हमें धैर्य धारण करना सीखना होगा।
प्रचार मंत्री सुधीर जैन ने विज्ञप्ति में बताया कि वर्चुअल प्रवचन कार्यक्रम का संचालन करते हुए।
श्रीसंघ मंत्री अजीत नाहर ने बताया कि मंगलवार 10 अगस्त से शनिवार 14 अगस्त तक पांच दिवसीय तप आराधना के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इन 5 दिवसों में आचार्य सम्राट आनंद ऋषि जी म सा का जन्म जयंती उपाध्याय प्रवर केवल मुनि जी मसा का जन्म जयंती शेरदिल फूल मुनि जी म सा का दीक्षा दिवस, शेरे राजस्थान पूज्य प्रवर्तक रूप मुनि जी म सा का जन्म जयंती, श्रमण संघीय सलाहकार सुरेश मुनि जी म सा का जन्म दिवस तप आराधना के साथ मनाया जाएगा।