वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़।”समकित के संग समकित की यात्रा” स्ट्रेसफुल लाइफ का सोल्यूशन- प्रवचन श्रृंखला की कड़ी में बुधवार को खातर महल में आयोजित प्रवचन सभा में आगम ज्ञाता, वाणी के जादूगर डॉक्टर समकित मुनि ने कहा कि ज्ञानीजन कहते हैं कि मोक्ष का मजा लेना है तो संसार के मजे लेना बंद कर दो। आत्मा की उस दिन मौज हो जाएगी जिस दिन हम मजे करना छोड़ देंगे ।हम टीवी, मोबाइल ,फिल्म देखते समय भी यदि धर्म का कार्य करते हैं तो इससे धर्म का कुछ फायदा अवश्य होता है। जिस समय हम टीवी मोबाइल फिल्म देखने में समय व्यतीत ना कर धार्मिक क्रिया करते हैं तो उस समय में कर्मों की निर्जरा होती है व इस दिए गए समय में कई पापों को पुण्य बनने का परिवर्तन भी हो जाता है। उन्होंने कहा कि पुण्य की पूंजी हम लगातार खत्म करते जा रहे हैं। पाप का ट्रैफिक इतना है कि पुण्य का पेट्रोल लगातार खत्म होता जा रहा है और हम पाप के ट्रैफिक में फंस चुके हैं। एक तरफ पुण्य का पेट्रोल खत्म हो रहा है वहीं दूसरी तरफ यमराज का काउंटडाउन शुरू हो चुका है यानी मौत की उल्टी गिनती शुरू हो गई है ।इसलिए मजे लेना बंद कर सुख की ओर बढ़ना चाहिए। आज हालात ये हैं कि जहां कमाई हो रही है वहां पर हम कम समय दे रहे हैं और जहां कमाई खर्च हो रही वहां हम ज्यादा समय दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रवचन सुनने वाले कई श्रावक श्राविकाओं के परिवारजन कहते हैं कि धर्म हमारे मन में हैं और हमारा मन साफ है तो हमें प्रवचन सुनने की क्या आवश्यकता है? इस पर डॉक्टर समकित मुनि ने कहा कि मन में तो बहुत कुछ है और मन में कई व्यक्तियों के लिए स्थान भी होता है परंतु महत्वपूर्ण यह है कि हमारे मन में धर्म के लिए स्थान कितना बचा है? शक्ति व सामर्थ्य होते हुए भी यदि हम त्याग का संकल्प नहीं लेते हैं तो हम दुर्गति में चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि अपनी शक्ति को कभी छुपाओ नहीं ,उसका सदुपयोग करना सीखो। समय रहते हुए हमें चेत जाना चाहिए। उन्होंने परलोक की पॉलिसी जीवन भर के लिए स्वीकार करने की बात कही जिसमें रात्रि भोजन, त्याग ,नवकारसी, पोरसी स्वाध्याय,अधिक से अधिक सामयिक करने को पॉलिसी के प्रमुख तत्व बताया।
प्रचार मंत्री सुधीर जैन ने विज्ञप्ति में बताया कि डॉक्टर समकित मुनि के प्रवचन प्रतिदिन फेसबुक,यू ट्यूब पर लाइव हो रहे हैं जिसका लाभ अनेक धर्मप्रेमी ले रहे हैं।कार्यक्रम का संचालन श्रीसंघ मंत्री अजीत नाहर ने किया।