वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क
आचार्य सम्राट डॉ शिव मुनि म सा के आज्ञा अनुवर्ती डॉ समकित मुनि म सा ने शुक्रवार को मीरा नगर जैन स्थानक में धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ शब्द ऐसे हैं जिनको सुनने मात्र से ही भक्ति की यात्रा प्रारंभ हो जाती है और एक बार भक्ति में आनंद आ गया तो बाकी के सारे आनंद फीके हो जाते हैं। वह भाग्यशाली होते हैं जिनको जिनवाणी का श्रवण सुनने का अवसर मिलता है ,वह मानव भाग्यशाली होते हैं जो धर्म स्थान में जिनवाणी सुनने आते हैं ।परमात्मा की वाणी ऐसी वाणी है जिसको किसी ने सुन लिया तो समझो उसने सब कुछ प्राप्त कर लिया। परमात्मा की वाणी सुनने से चंड कौशिक सर्प का जीवन बदल गया था। दसवें कलिक सूत्र की गाथा की व्याख्या करते हुए मुनि ने बताया यह शरीर तीन तरह के शरीर से बना हुआ है ।एक स्थूल शरीर है, शरीर हमारा नजर आता है वह मौद्रिक शरीर है ।यह शरीर दिखने में मजबूत हो सकता है लेकिन फिर भी यह शरीर अंदर से बहुत कमजोर है,दो अन्य प्रकार के शरीर होते हैं तेजस शरीर और कर्मण्य शरीर यह दोनों शरीर मजबूत होंगे तो हम जीवन में सब कुछ सहन कर सकते हैं। हम स्वयं पर विश्वास करें ।जो स्वयं पर विश्वास करेगा वही जीवन में सफल होगा। एक प्रसंग का विवेचन करते हुए मुनि श्री ने बताया की द्रोपदी के अपहरण के बाद पांडव श्री कृष्ण के पास सहायता के लिए पहुंचे। दौपद्री को छुड़ाने के लिए श्रीकृष्ण के साथ पहुंचे पांड़वों का पद्मनाथ राजा के साथ युद्ध हुआ लेकिन पांड अपनी विजय के प्रति पूर्ण विश्वस्त नहीं थे इसी कारण से उस युद्ध में पांडवों की हार हुई। फिर कृष्ण के सहयोग से पांडवों ने द्रौपदी को मुक्त कराया था। हमारे जीवन में भी कंफ्यूजन है। जब तक निर्णय सही नहीं होंगे तब तक जीवन में सफल नहीं हो सकते हैं। हम छोटे-छोटे निर्णयों को मजबूती के साथ लेकर क्रियान्वित करना शुरू कर देंगे तो यही छोटे-छोटे कार्य हमारा विल पावर , आत्म बल और आत्मविश्वास बढ़ाने वाले साबित होंगे ।गलत होने पर उसे स्वीकार कर लेना आगे की गलती न की संभावना को खत्म कर देता है।
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के प्रचार मंत्री सुधीर जैन ने बताया कि धर्म सभा में भवान्त मुनि भावेश भी विराजित रहे । धर्मसभा में कई श्रावक श्राविका उपस्थित थे।शनिवार के प्रवचन भी मीरा नगर जैन स्थानक में प्रातः 9:00 से 10:00 बजे तक होंगे। श्री संघ अध्यक्ष हस्तीमल चोरड़ीया ने सभी श्रावक श्राविकाओं से अधिक कोरोना की गाइडलाइन की पालना करते हुए प्रवचन का लाभ लेने कस अनुरोध किया और कहा कि हमें धर्म ध्यान में आगे बढ़ना है।