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आकोला- सद- संस्कारों की चाबी से आत्मा के ताले को खोला जा सकता है-मुनि मोहजीत कुमारजी।

वीरधरा न्यूज़।आकोला@ श्री शेख सिराजुद्दीन।
आकोला। भारतीय संस्कृति के विकास में संस्कारों का बहुत बड़ा महत्व है अतीत के इतिहास के साथ वर्तमान में शिक्षा के साथ संस्कारों का बहुमूल्य स्थान है। सद- संस्कारों की चाबी से आत्मा के ताले को खोला जा सकता है, ये विचार आकोला तेरापंथ भवन में ज्ञानशाला के विशिष्ट आयोजन में मुनि मोहजीत कुमार ने प्रकट किये। मुनि जयेश कुमार ने ज्ञानशाला की महत्वता को प्रस्तुत करते हुए कहा ज्ञानशाला के माध्यम से आध्यात्मिक चेतना का जागरण होता है, अध्यात्म में प्रवेश करना, जीवन की पवित्रता को आत्मसात करना है।
इस अवसर पर ज्ञानशाला के ज्ञानाथियो ने ज्ञानशाला गीत की प्रस्तुति के साथ तत्व ज्ञान, प्रारंभिक बोध एवं प्रतिक्रमण की स्मृति को शुद्धता के साथ प्रस्तुत कर अपनी मेघा का परिचय दिया। ज्ञानाथियो की भावपूर्ण प्रस्तुतियो के साथ सन् 2019, 2020, 2021 के काल में अनेकों प्रतियोगिताओं कार्यों में सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर्ताओं को सम्मानित किया गया। संयोजिका पूजा चपलोत ने ज्ञानशाला की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। प्रशिक्षिका संगीता चपलोत ने अपने विचार व्यक्त किये। सभा के मंत्री नरेंद्र चपलोत ने सभी का आभार व्यक्त किया। सभी ज्ञानार्थी प्रतियोगिताओं के प्रायोजक उदय लाल चपलोत रहे। कार्यक्रम का संचालन रेखा चपलोत ने किया।
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