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चित्तौड़गढ़-विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर एटीबीएफ का रक्तदान शिविर, जिला कलक्टर ने रक्तदान कर किया शिविर का शुभारंभ।

वीरधरा न्यूज़। चित्तौड़गढ़@ श्री दुर्गेश लक्षकार।

चित्तौड़गढ़ विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर सोमवार को आचार्य तुलसी बहुउद्देश्यीय फाउंडेशन के तत्वावधान में एटीबीएफ इकाई ने जिला चिकित्सालय में रक्तदान शिविर का आयोजन किया। इस दौरान रक्तदान को लेकर लोगों में जागरूकता देखने को मिली। रक्तदान शिविर में जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने 11 वी बार रक्तदान कर शिविर का शुभारंभ किया। जहां संस्था के संस्थापक सुनील ढ़ीलिवाल ने किसी जिला कलक्टर के शिविर में इस तरह आकर रक्तदान करने पर खुशी जाहिर करते हुए भगवा उपरना धारण करवा प्रतीक चिन्ह देकर शुभकामनाएं व बधाई दी।

एटीबीएफ के रक्तदान शिविर में रोचक व अविस्मरणीय रही कुछ यादे

विश्व रक्तदान के इस अवसर पर दिलीप कुकड़ा ने 60 वर्ष की उम्र में 52वी बार रक्तदान किया जिसका खुद जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने सम्मान किया तो सीए भरत मेघानी व राहुल मेघानी भाई-भाई ने एक साथ रक्तदान किया। वही अनिल सुखवाल जिनका स्वयं का जन्मदिन था इस अवसर को यादगार बनाया उनकी पत्नी बिंदु पांडिया ने जो कि वरिष्ठ लिपिक है जिला एवं सेशन न्यायालय  चित्तौड़गढ़ में जहाँ दोनों पति-पत्नी ने एक साथ रक्तदान किया। वही पिता आनंद गिरी गौस्वामी एवीवीएनएल जेईएन ने अपने पुत्र प्रतीक गिरी गौस्वामी के 18 वर्ष पूर्ण होने पर पिता पुत्र ने एक साथ रक्तदान किया। शिविर मे महिला कॉर्डिनेटर पारुल वर्डिया ने अपने भाई जतिन वर्डिया के साथ रक्तदान किया। महिला रक्तदाता शिला वेद ने अपने जन्मदिन पर रक्तदान किया। एटीबीएफ कॉर्डिनेटर तारा पारिख की प्रेरणा से कल्पना बैरवा ने पहली बार रक्तदान किया। एटीबीएफ संस्था द्वारा इस कोरोना काल मे आमजन को लाइव ब्लड दिलाकर रोजाना नव जीवन प्रदान कराया जा रहा है। इस विश्व रक्तदान दिवस पर शिविर में रक्तदाताओ में उत्साह दिखा जहाँ 40 यूनिट रक्त संग्रहण किया गया।

शिविर में महिला नगर अध्यक्ष पूर्णिमा महेता, उपाध्यक्ष अनामिका चौहान, पारुल वर्डिया, लक्ष्मण छिपा, कैलाश सोनी, आकाशदीप मुकेश शर्मा, सुरेंद्र टेलर, राहुल अग्रवाल, दिनेश ओझा, दिनेश वैष्णव, देव शर्मा, अर्पित जैन, कुंदन गुर्जर, ललित टेहलियानी, मदन गिरी गोस्वामी, अर्पित बोहरा, अतुल चिप्पड, चंद्र प्रकाश भावसार, दुर्गेश लक्षकार, कैलाश सोनी, अनिल सुखवाल आदि टीम मेम्बर्स ने रक्तदाताओं का उत्साहवर्धन किया।

कोरोनाकाल में एटीबीएफ के रक्तदान शिविर में हो रहा महादान

 

एटीबीएफ द्वारा प्रथम ओर द्वितीय लोक डाउन के दौरान 500 यूनिट रक्तदान करवाया गया। वही अभी तक इस वर्ष 900 से अधिक डोनेशन करवाया गया है। इसमे खास बात यह रही कि लगभग 400 महिलाओं द्वारा एटीबीएफ के माध्यम से रक्तदान किया गया जहां विश्व रक्तदान दिवस पर महिला शक्ति का अभिनन्दन किया गया।

एटीबीएफ रक्तदान जागरूकता हेतु कर रही कई नवाचार।

रक्तदान के क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने के लिए आचार्य श्री तुलसी ब्लड फाउंडेशन (एटीबीएफ)  द्वारा समय-समय पर कई नवाचार किए गए। सर्वप्रथम 2016 में संस्थापक सुनील ढीलीवाल द्वारा अपने बर्थ डे को ब्लड डे के रूप में मनाने की शुरुआत की गई। इसी तरह 2017 में ही फ्रेंडशिप डे को रक्तमित्रता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा साथ ही भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक, *रक्षाबंधन के पावन पर्व पर भी रक्तदान* करने की शुरुआत की गई जिसमें भाई और बहन दोनों एक दूसरे की रक्षा का वचन देते हुए साथ साथ स्वैच्छिक रक्तदान करते हैं। इसी तरह स्वेच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए संस्था द्वारा दांपत्य प्रेम का प्रतीक करवा चौथ पर्व पर जिसमें पत्नी पति के दीर्घायु व स्वस्थ जीवन की कामना से व्रत रखती है तो एटीबीएफ के प्रोत्साहन से पति भी अपनी पत्नी की दीर्घायु व स्वस्थ जीवन की कामना से रक्तदान करते हैं। 2017 में इस पर्व पर 21 पतियों ने रक्तदान कर शुरुआत की गई जो 2020 में बढ़ते हुए 111 पतियों ने रक्तदान कर एक रिकॉर्ड कायम किया।

इसी तरह से महिला दिवस पर केवल महिलाओं को रक्तदान के लिए प्रोत्साहन का परिणाम ये रहा कि इसी वर्ष 270 महिलाओं द्वारा रक्तदान करके महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश की गई। इसके अतिरिक्त शादी की वर्षगांठ, पुण्यतिथि, विश्व रक्तदाता दिवस, एटीबीएफ स्थापना दिवस व समय-समय पर रक्त की कमी को देखते हुए संस्था के प्रोत्साहन पर विभिन्न समाजों द्वारा लगाए जाने वाले रक्तदान शिविर में स्वैच्छिक रक्तदान किया जाता हैं। संस्था द्वारा किए जाने वाले जनजागरूकता कार्यों से न केवल पुरुष बल्कि महिलाओं में भी रक्तदान के प्रति अलख  जगाने के लंबे प्रयास किये गए जिससें महिलाओं  में भी जिंदगी बचाने के लिए रक्तदान की होड़ लगी है ओर इसी का परिणाम है दिन हो या रात, आंधी हो या तूफान, विपरीत परिस्थितियों में,  यहां तक कि कोरोना काल में भी, जहां व्यक्ति बाहर निकलने से डरता है वही एटीबीएफ के मुस्तैद रक्तदाता खून की जरूरत का संदेश मिलते ही उत्साह के साथ रक्तदान करने पहुंच जाते हैं और जन जागरूकता का ही परिणाम है कि 2014 से अब तक संस्था द्वारा देश में 50 हजार यूनिट से भी अधिक रक्त एकत्रित कर जरूरतमंदों तक पहुंचाया गया है।

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