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चित्तौड़गढ़-ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ, अध्यक्षता कर रही चंदा डाँगी चित्तौड़गढ़ ने कहा प्रकृति का कोप सारे कोपों से बढ़कर होता है।

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@ डेस्क।

चित्तौड़गढ़।साहित्यिक मित्र मंडल जबलपुर द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर भव्य  ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना हंसा श्रीवास्तव ने अपने मधुर स्वरों में  प्रस्तुत की। सम्मेलन का विषय था “प्रकृति से प्रेम”। जिसमें रचनाकारों ने अपनी कविता में प्रकृति और इंसान के सम्बंधों को अपने काव्य सूत्र में पिरो सबके समक्ष प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी। संस्था संस्थापक विनय पान्डेय ने उद्बोधन में कहा कि प्रकृति की सभी चीजें मनुष्य के लिए एक वरदान है इसलिए हमें प्रकृति से प्रेम करना चाहिए। सरंक्षक विनोद पांडेय ने सबको शुभकामनाएं देते हुये कहा कि आज जो पर्यावरणीय क्षति हो रही है उसका एकमात्र कारण हमारी मानसिकता है, हम सोचते हैं कि मैं जीवित हूँ, मेरी सुख-समृद्धि बढ़े ताकि मैं ज़्यादा-से-ज़्यादा सुख-सुविधाओं का उपभोग कर सकूँ। निरंतर बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण, जल स्रोतों की कमी, प्राकृतिक संसाधनों तथा जैव विविधता में आ रही कमी से आज हमारे सिर पर एक चिंता की लकीर खिंच रही। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि निशा अतुल, उत्तराखंड व अध्यक्षा  चंदा डांगी चित्तौड़गढ़ राजस्थान ने कहा कि प्रकृति का कोप सारे कोपों से बढ़कर होता है। मनुष्य ने अपनी आर्थिक विकास और उन्नति के लिये पर्यावरण को इस हद तक बिगाड़ दिया कि अब वह और छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है।

कार्यक्रम का संचालन उषा भिड़वारिया, करूणा जायसवाल  व पूनम शर्मा स्नेहिल ने संयुक्त रूप से सफलतापूर्वक किया। कार्यक्रम आयोजक मनु पांडेय ने सबका धन्यवाद ज्ञापन किया। अध्यक्षा डाॅ मीरा चौरसिया मुख्य श्रोता के रूप में शुरू से अंत तक जुड़ी रही। सम्मेलन में वाराणसी दिल्ली, रूड़की भोपाल, कोलकाता, मध्यप्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गढवाल,  राजस्थान, प्रयागराज, बांदा इत्यादि जगहों से कवि सम्मेलन में रचनाकार जुड़े रहे।सम्मेलन का आरंभ 3:00से शाम 8:30बजे समाप्त हुआ। कार्यक्रम को सफल बनाने में वरिष्ठ कविगण व संस्था के समस्त पदाधिकारी सम्मेलन से जुड़े रहे।

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