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अन्तर्राष्ट्रीय लोक कलाकार व बहरूपिया कोरोना महामारी के चलते भूखे मरने को मजबूर।

वीरधरा न्यूज़।जयपुर@ श्री राहुल भारद्वाज।

दौसा/ जयपुर । कोरोना महामारी के इस बुरे दौर में जिले के बांदीकुई उपखंड मुख्यालय पर स्वाभिमान की रक्षा करते हुए कलाकार भुखमरी के कगार पर आ खड़े हुए है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वार्ड नंबर 20 में मृतक शिवराज बहरूपिया के परिवार में 6 पुत्रो समेत कुल 24 सदस्य हैं।

मृतक शिवराज बहुरूपिया प्रदेश व देश सहित जापान, फ्रांस, पेरिस, हांगकांग जैसे कई देशों में बहुरूपिया कला  का प्रदर्शन कर चुका था। मृतक शिवराज उर्फ सुबराती बहरूपिया की गंभीर बीमारी के चलते जुलाई 2019 में मृत्यु हो गई। ज्ञातव्य रहे कि मृतक शिवराज बहरूपिया के 6 पुत्र हैं और वो भी इसी बहुरूपिया कला से पूरी तरह जुडे हुए हैं। ये सभी बहुरूपिया कला दिखाकर अपनी रोजी रोटी कमाते रहे हैं। कोरोना वायरस संक्रमण जैसी वैश्विक महामारी के चलते इस परिवार के सामने बीते डेढ़ वर्ष से रोजी रोटी का बड़ा संकट आ खड़ा हुआ है।वर्तमान में देश प्रदेश के अंदर लॉकडाउन लगा हुआ है और यह परिवार अपने पेट की दो जून की रोटी के लिए बेहद मजबूर है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस सरकार में वर्ष 2010 में शिवराज बहुरूपिया की कलाकारी से अभिभूत होकर शिवराज बहरूपिया को सरकारी मदद का आश्वासन भी दिया था। इतना ही नहीं  मृतक शिवराज सहित 6 पुत्र भी प्रदेश की राजधानी जयपुर स्थित जवाहर कला केन्द्र, उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग लखनऊ सहित हरियाणा के ब्रांड एम्बेसडर भी रह चुके हैं।  इनके पिता सहित पुत्रों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर  सैकडो तरह के सम्मानो से नवाजा जा चुका हैं। ऐसी दौसा शख्सियत एवं अंतरराष्ट्रीय कलाकार परिवार प्रशासन, शासन, जनप्रतिनिधियों व समाजसेवियों और भामाशाहों की अनदेखी के चलते भुखमरी का दंश झेल रहे हैं। इनकी ऐसी स्थिति बनी रही तो आने वाले समय में बहुरूपिया कला ही विलुप्त हो सकती है। अब समय आ गया है जब पीढ़ियों से चली आ रही बहुरूपिया कला एवं संस्कृति को बचाने के लिए सरकार, शासन, प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों, दानदाताओं और भामाशाहों को इन कलाकारों का उन्मुक्त होकर दिल खोलकर सहयोग करना चाहिए।

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