वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@ डेस्क।
चित्तौड़गढ़। चित्तौड़ी आठम महोत्सव समिति के तत्वावधान में वैदिक संस्कृति में विष्णु के 11वें अवतार कहे जाने वाले बौद्ध धर्म के प्रवर्तक महात्मा बुद्ध की जयंती मेजर नटवरसिंह रा.उ.मा.वि. में वृक्षारोपण कर मनाई गई।
जानकारी देते हुए समिति के अमन गौड़ ने बताया कि बुद्ध जयंती के अवसर पर मेजर नटवरसिंह राउमावि में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग शारीरिक प्रमुख धर्मपाल, सम्पर्क प्रमुख भूपेन्द्र आचार्य, बजरंग दल के पूर्व जिला संयोजक एवं समिति के अध्यक्ष मुकेश नाहटा, डाॅ. जितेन्द्र दशोरा के सानिध्य में पीपल के दो वृक्ष का रोपण कर देखभाल का संकल्प लिया गया।
इस अवसर पर सम्पर्क प्रमुख भूपेन्द्र आचार्य ने वैदिक संस्कृति में पौधों के विशेष महत्व पर जानकारी दी तथा बताया कि गीता में भगवान विष्णु ने स्वयं को पीपल के वृक्ष के समान बताया। धर्मपाल गोयल ने बताया कि पीपल एक ऐसा वृक्ष जो पूरे समय आॅक्सीजन देता है तथा कार्बन डाई आॅक्साईड का अवशोषण करता है व पर्यावरण प्रदूषण से मुक्ति दिलाता है। शास्त्रों में 100 पुत्रों के समान एक पीपल का वृक्ष माना गया है। मनुष्य जब मरता है तो एक पेड़ लेकर जाता है तो हमारे जीवन काल में मनुष्य को कम से कम 5 पेड़ लगाकर उनकी देखभाल करते हुए बड़ा करना चाहिये। मुकेश नाहटा ने भगवान बुद्ध के जीवन पर प्रकाश डालते हुए सभी को उनके मार्ग पर चलने का आह्वान किया तथा भगवान बुद्ध को विश्व का सबसे बड़ा प्रकृति प्रेमी बताया। कार्यक्रम में शांतिलाल पटवा, अमन गौड़ आदि उपस्थित रहे।