कोरोना काल में कीसी घर में कमाने वाले की मोत हो जाने के मामले तो बहुत सुने हैं लेकिन जिस घर में एक 7 साल के मासूम के अलावा कोई सहारा भी ना बचा हो उस तरफ अभी प्रसासन का ध्यान नही गया है।
ऐसा ही एक मामला चित्तौड़गढ़ तहसील के सामरी ग्राम पचायंत के मेडी का अमराना गांव का बबलू पिता रतन लाल डांगी जिसकी उम्र 7 साल के करीब है उसने कुछ साल पहले अपनी माँ को खोया उसको भुला भी नहीं ओर आज से करीब एक साल पहले बडी बहन जिसकी उम्र 10 साल थी उसे खो दिया, उसके बाद पूरे घर का लालन पालन करने वाले अपने दादा जिनकी आज से तीन महीने पहले हार्ट अटेक से मोत हो गई। उसके बाद 17 दिन पहले दादी की ओर उसके 4 दिन बाद ही अपनी भुवा की कोरोना के कारन मोत हो गई अब घर में बचा है तो सिर्फ उसका पिता जो एक गम्भीर बीमारी से ग्रसित है, ओर बिस्तर पकड़ा हुआ है जिसकी हालात भी गंभीर है, अब न घर में कोई कमाने वाला बचा है ओर न कोई खिलाने वाला।
ग्रामीणों ने बताया कि घर में जब कुछ दिन पहले कोरोना के चलते परिजनों की मौत हुई तो इस मासूम ओर बीमार पिता को किसी ने रोटियां तक नही दी और करीब 3-4 दिन बिस्किट या जो कुछ मिल जाता खाकर पेट भरा, अभी भी यही हाल है इस छोटे मासूम को रोज रोटी मिल जाये इसकी भी कोई गारंटी नही, अब इस मासूम ओर बीमार पिता को मदद की दरकार है अगर मदद के लिए हाथ आगे बड़े और प्रसासन भी इस ओर अपना ध्यान आकर्षित कर ले तो इनके जीवन मे जो अंधेरा छाया हुआ है खुशियों में बदल सकता है।