वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@ डेस्क
भारतीय बहुजन साहित्य अकादमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चित्तौड़गढ़ के मदन सालवी ओजस्वी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से निवेदन किया कि चाहे कोरोना से हों या किसी और कारण से मृतकों का अंतिम संस्कार सम्मानपूर्वक ही हों।
उन्होंने कहा कि राज्य में कहीं भी किसी भी ग़रीब बेबस ओर किसी भी जन साधारण की मृत्यु चाहे कोरोनावायरस महामारी संक्रमण से हूई हों या अन्य किसी कारण से
अंतिम संस्कार पुरे सम्मान से ही हों।
किसी भी गांव किसी भी शहर व किसी भी शमशान में लकड़ियों की कमी ना रहें। ना ही टीन सेड की कमी हों। कहीं भी श्मशान में कोई भी कमी हो तुरन्त पुरा किया जावे जिससे मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार सम्मान पुर्वक ही हो सकें।
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति सभ्यता में अर्थी को कंधा देना जहां धर्म समझा जाता हे वहीं इस कोरोना काल में कंधा देने के लिए भी कंधा देने वालो ने भी इसे अपना धंधा बना लिया है, शवों को कुत्तों के द्वारा नोचने खाने, कोराना से मरे मरीजों के स्वम के परिजनों द्वारा तक हाथ नहीं लगाने शवों को नदी में फिकवाने। नदियों में कोराना संक्रमित शवों के लगातार बह बहकर आने आदि घटनाओं से लगातार हमारे भीतर मानवता इंसानियत मर चुकी हे।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के साथ ही सभी राज्यों की सरकारों से आग्रह है ऐसे हालात कहीं भी नहीं हों।
अंतिम संस्कार सम्मानपूर्वक ही हों। अपने परिजन के संक्रमण होने पर सामाजिक दूरी रखे, लेकिन मन से अपने पन से दूरी नहीं बनाएं। होंसला दें।
अपनी भी सावधानी रखते हूए बेहतरीन इलाज़ समय पर दें जिससे कोई भी मरेगा नहीं। आप दूरी बना लेंगे, देख रेख परवाह ही नहीं करेंगे तो ऐसे में कोई भी दम घुट कर मरेगा ही, आप सार संभाल पुरी करेंगे। अपनापन बनाए रखेंगे। समय पर इलाज़ कराएंगे तो आपका अपना परिजन नही मरेगा।
ओजस्वी ने कहा कि अंतिम संस्कार सभी का सम्मान पुर्वक ही हों। इसके लिए सरकारें हर प्रकार से पुख्ता इंतजाम करे।