पहुंना।इस बार कोरोना महामारी ने अपना रोद्र रूप धारण कर रखा है । काफी लोग अकाल मृत्यु का शिकार हो रहे हैं। जिससे क्षैत्र में स्थित मेवाड़ के हरिद्वार मातृकुंडिया के घाटों पर अस्थि विसर्जन करने वालो की आवाजाही जारी है। लोग यहां दूर दराज से अस्थि विसर्जन व कर्मकांड करने के लिए पंहुच रहे हैं। पैड़ीयो पर भीड़ उमड़ रही है और वहां पर कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है। सामाजिक दूरी का मजाक बनती दिख रही है। कुछ लोग ऐसे भी है जो कोविड गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं, मगर यहां का नजारा देख डर भी रहे है। अस्थि विसर्जन कराने आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां के सभी मंदिर खुले हुए हैं। परशुराम घाट पर कोरोना की गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु मातृकुंडिया आ रहे हैं मगर उसके बावजूद यहां पर पुलिस द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है।लोगों की धारणा पवित्र कुंड मातृकुंडिया में अस्थियां प्रवाहित करने से मोक्ष मिलता है आत्मा को शांति मिलती है। स्थानीय युवाओं द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही जो पंडा समाज अस्थि विसर्जन और कर्मकांड करा रहा हैं, उसको भी बोला गया है कि वह अपनी सुरक्षा और अपने परिवार की सुरक्षा भी करें। इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही कर्मकांड कराएं। मंगलवार को अपने पिता का अस्थि कलश लेकर पहुंचे एक श्रृद्धालु ने बताया कि लॉकडाउन के कारण आने में थोड़ी परेशानी हुई लेकिन पिताजी की अस्थियां मातृकुंडिया में प्रवाहित न करते तो जीवनभर खुद को माफ नहीं कर पाते।