वीरधरा न्यूज़।शंभूपुरा@ डेस्क।
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जहां जैन धर्म मे अक्षय तृतीया पर वर्षितप का पारणा साधु संतों के सानिध्य में ओर सामुहिक रूप से होता है वही लगातार दूसरे वर्ष भी कोरोना व लोक डाउन के चलते ये सम्भव नही हो पाया, इसे देखते हुए सभी तपस्वीयों के पारणे का जिम्मा आचार्य तुलसी बहुउद्देश्यीय फाउंडेशन (एटीबीएफ) संस्थान ने अपने जिम्मे लिया है।
एटीबीएफ संस्थापक सुनील ढ़ीलिवाल ने बताया कि समस्त जैन समाज की अगुवाई एवं समस्त संघो के सानिध्य में संस्थान द्वारा 14 मई अक्षय तृतीया को सभी तपस्वियों का पारणा गन्ने के जूस के साथ करवाया जाना सुनिश्चित किया गया है ।
संस्थापक ढ़ीलिवाल ने बताया कि चित्तौड़गढ़ शहर, चन्देरिया, पुठोली सहित आस पास के गांवो में जिनके भी तपस्या होगी पूर्व सूचना के आधार पर लिस्ट बनाकर व्यवस्था को व्यवस्तिथ व कोरोना गाइड लाइन के अनुसार किया जाएगा इसके लिए संस्थान की 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है जिसमे संजय जैन, देव शर्मा, तुषार सुराणा, मोहित सरूपरिया एवं दिलखुश खेरोदिया इस कार्यक्रम की रूप रेखा तय करेंगे व साथ ही अर्पित बोहरा अपुल चिपड एवं पूर्णिमा मेहता सहयोग करेंगे।
एटीबीएफ द्वारा गन्ने के रस के साथ ही प्रशस्ति पत्र एवं उपहार भेंट कर तपस्वियों का बहुमान किया जाएगा।
जानिए क्या होता है वर्षीतप
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जैन समाजजनों द्वारा पूरे वर्षभर तक एक दिन छोड़कर एक दिन व्रत किया जाता है। इस तपस्या को वर्षीतप कहा जाता है। इस प्रकार पूरे साल व्रत करने के बाद वर्षीतप का पारणा अक्षय तृतीया के दिन होता है। जिसमें केवल गन्ने का रस तपस्या करने वाले को पिलाया जाता है।
ये तपस्वी करेंगे पारणा
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शहर सहित आप पास के क्षेत्रों से अभी तक नाम आये अनुसार इन साधकों की तपस्या पूर्ण हो रही वही इनके अतिरिक्त और भी नाम अभी आमंत्रित किये जा रहे जिसमे अभी तक मे प्राप्त नाम मे महेन्द्र संचेती, विरेन्द्र पगारिया, विमला पगारिया, प्रेम देवी सुराणा, लक्ष्मी बाबेल, सुशीला नाहर, रेखा कांठेड़, झमकू लाल लोढ़ा, कमला बाई तरावत, पारस देवी मारू, मंजू भडक्त्या, चंदा सुराणा, सुनीता डांगी, शांता बाई भडक्त्या, ललिता नाहर, उदय लाल बोहरा, निर्मला बोहरा, कला देवी भडक्त्या, प्रेम देवी सरूपरिया, उर्मिला चावत, बसन्ता देवी संचेती, लीला बाबेल, निर्मला कोठारी, मंजू चंडालिया, लहर देवी नाहर, मोहन बाई नाहर,अभय कुमार बोहरा, प्रेमलता खेरोदिया, कंचन डांगी आदि नाम संस्थान को प्राप्त हुए।