शंभूपुरा में करीब आधा दर्जन से अधिक झोलाछाप डॉक्टरों ने अपनी दुकानदारी जमा रखी है इसके चलते क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में मखिया भिनभिना रही लेकिन विभाग आंखों पर पट्टी बांधे बैठा है।
जानकारी में सामने आया कि अकेले शंभूपुरा क्षेत्र में ही करीब आधा दर्जन से अधिक झोलाछाप डॉक्टर अपनी दुकानें खोलकर बेठे है और इस महामारी में भी चांदी झाड़ रहे और आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे लेकिन इनकी सुध लेने वाला तक कोई नही है लम्बे समय से ये क्षेत्र में सक्रिय है लेकिन कई बरसो बाद भी स्वास्थ्य विभाग से इनकी जांच करने तक कोई नही पहुचा।
क्षेत्र की जनता की हमेशा से शिकायत रही है कि इनमें से कई डॉक्टर है जो मानवता को भूल मोटी फीस वसूल मजबूर लोगो के साथ ठगी कर रहे है लेकिन इस ओर कोई ध्यान तक नही देता है, ना इस ओर कभी पुलिस प्रसासन का ध्यान गया और ना ही स्वास्थ्य विभाग इन पर कार्यवाही करने पहुचा जिससे इनके भी हौसले बुलंद है, देखा जाय तो इनकी अधिकांश दुकानों के बाहर ना तो कोई बोर्ड, ना नाम और रजिस्ट्रेशन नम्बर भी नही बस लोगो को हेवी डोज देकर ठीक किया जा रहा जिसके चलते लोग भी इनकी ओर आकर्षित होते रहते है लेकिन उस हेवी डोज के कारण आगे जाकर उन मरीजों के जान पर बन सकती है इससे भी ये अनभिज्ञ है।
सवाल यह उठता है कि लम्बे समय तक भी ऐसे झोलाछापों पर नकेल कसने में विभाग नाकाम रहा है तो आखिर कब जिला और क्षेत्र को सही व उचित इलाज मिल पायेगा।
वही दूसरी ओर आजकल कुछ दिनों से क्षेत्र में लगी झोलाछापों की मंडी पर ताले लटके है जिसका कारण कोरोना है या विभाग की विभिन्न क्षेत्रों में हो रही छापामारी की कार्यवाही यह अभी स्पष्ठ नही लेकिन अगर विभाग समय रहते कार्यवाही करें तो बड़ी कामयाबी हाथ लगेगी वही दूसरी ओर क्षेत्र की जनता को भी राहत मिलेगी।