करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने कटारिया का पुतला फूंका, कटारिया की नुक्कड़ सभा स्थल पर गंगाजल का किया छिड़काव।
वीरधरा न्यूज़।राजसमन्द @ श्री हस्ती मल साहू।
कुंवारिया राजसमंद । श्री राजपूत करणी सेना राजसमंद की टीम के नेतृत्व में कल रात को कुंवारिया कस्बे में उस जगह को गंगाजल से पवित्र किया जहां से पूर्व गृहमंत्री एवं विधानसभा के प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया के द्वारा 2 दिन पूर्व वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया।
श्री राजपूत करणी सेना के प्रदेश ओर जिले के कार्यकर्ताऔर ने मंगलवार की शाम को कुंवारिया कस्बे में बाजार में पहुंचे जहां भाजपा की सभा हुई जहां से कटारिया ने महाराणा प्रताप के लिए अभद्र भाषा और अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया वहां पहुंचे और उन्होंने उस जगह को गंगाजल छिड़काव कर पवित्र किया और गंगाजल में हल्दीघाटी की मिट्टी को मिलाकर उस जगह को लीप कर पवित्र करके गुलाबचंद कटारिया की अभद्र भाषा के प्रति अपना रोष प्रकट किया।
श्री राजपूत करणी सेना के प्रदेश महासचिव विश्व बंधु सिंह राठौड़ ने कहा कि जहां से महाराणा प्रताप के लिए अनुचित भाषा का प्रयोग किया वह जगह पवित्र होनी चाहिये। कटारिया के पैर पड़ने से वह जगह अपवित्र हो गई इसलिए आज हमने गंगाजल से धोकर हल्दीघाटी की मिट्टी से लिप कर उसको वापस पवित्र किया है। उन्होंने कहा कि हम पुरजोर से करणी सेना पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया के उद्बोधन का विरोध करते है । इसके साथ ही सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग भी साथ हुए 36 समाज के लोगों ने इस का साथ दिया और उन्होंने भी महाराणा प्रताप के प्रति अपनी आस्था जाहिर की और कहा कि कटारिया ने जो बयान दिया वह बहुत गलत दिया है इसके साथ ही कस्बे वासियों ने तुरंत कटारिया का पुतला बनाकर उस जगह जलाया गया।
इस मौके पर श्री राजपूत करणी सेना के कार्यकारी अध्यक्ष भंवर सिंह सलाडिया प्रदेश महासचिव देव प्रताप सिंह गुड्डा प्रेम सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र नाथ सिंह फलीचड़ा, उदयपुर जिला अध्यक्ष कुंदन सिंह कछेर, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रेम सिंह तीतरडी, प्रदेश मंत्री जयदीप सिंह, महा सिंह, जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र सिंह देवरिया, जिला मंत्री महिपाल सिंह फलासिया, आमेट तहसील अध्यक्ष विक्रम सिंह चौहान, उपाध्यक्ष विक्रम सिंह पारडी, उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह देवरिया, संयुक्त मंत्री देवेंद्र सिंह चौहान, महिपाल सिंह भूर वाडा, गोपाल सालवी, सुखलाल, देवेंद्र कुमार आदि काफी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।