निंबाहेड़ा की पदेन उपपंजीयक सब रजिस्टार सीमा खेतान द्वारा अपने पद का दुरुपयोग कर सरकार को लाखों रुपए की राजस्व हानि पहुंचाने के संबंध में ऋषभ कुमार गोखरू द्वारा एक शिकायत 28 अक्टूबर 20 को महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक अजमेर को की गई, इस मामले में महानिरीक्षक द्वारा मामले को जानबूझकर दबाकर रखा गया। इस पर गोखरू के द्वारा बार-बार सूचना देने के करीब डेढ़ माह बाद 13 जनवरी 21 को उपमहानिरीक्षक सतर्कता भगवत सिंह ने निंबाहेड़ा उप पंजीयक कार्यालय में हुई महज 8- 10 रजिस्ट्रीयों में उप पंजीयक सीमा खेतान के द्वारा बरती गई अनियमितता की जांच की जिसमें करीब 40 लाख रुपए की राजस्व चोरी की बात सामने आई। भगवत सिंह ने जांच के दौरान यह भी माना कि प्रथम दृष्टया मामला सही है और यह भी कहा कि उप पंजीयक सीमा खेतान के कार्यकाल में हुए कार्य की विस्तृत जांच की आवश्यकता है। भगवत सिंह ने अपनी जांच रिपोर्ट माहानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक महावीर प्रसाद को सौंप दी। महानिरीक्षक द्वारा जानबूझकर मामले को दबाने का प्रयास किया गया जिससे कि उप पंजीयक सीमा खेतान के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं हो सके इसके विरुद्ध ऋषभ कुमार गोखरू ने माननीय उच्च न्यायालय में अपनी याचिका दायर की। इस पर माननीय उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए अपने फैसले में जिला कलेक्टर चित्तौड़गढ़ को 60 दिवस के अंदर जांच कर कार्यवाही करने का आदेश दिया। याचिकाकर्ता गोखरू ने 8 अप्रैल को जिला कलेक्टर चित्तौड़गढ़ को माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति एवं संपूर्ण पत्रावली की छाया प्रतियां पेश कर कार्रवाई का निवेदन किया।
गोखरू ने एक अलग पत्र महानिदेशक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को लिखकर चित्तौड़गढ़ एसीबी द्वारा रिश्वत के आरोप में बाबू के साथ संविदा ड्राइवर को भी रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था बाबू की जगह ड्राइवर नकले कैसे दे रहा था बगैर सीमा खेतान की मौन स्वीकृति के इस मामले में सीमा खेतान की भूमिका संदिग्ध होने से इसकी भी जांच की मांग की।