Invalid slider ID or alias.

कुंडली मिलान जितना ही आवश्यक है थैलेसीमिया जांच भी: पीएमओ दिनेश वैष्णव

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@ डेस्क।


चित्तौड़गढ़ के जिला चिकित्सालय के सेमिनार हॉल में शनिवार को सांवरिया जी राजकीय जिला चिकित्सालय द्वारा स्वेछिक रक्तदान, हीमोफीलिया ओर थैलेसीमिया पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कायर्क्रम में अतिथि पीएमओ दिनेश वैष्णव, विशेषज्ञ पैथोलॉजी विभाग एव ब्लड बैंक प्रभारी डॉ अनिल सैनी, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ दिनेश कांठेड़, ट्रॉमा प्रभारी डॉ भानु प्रताप सिह, एटीबीएफ संस्थापक सुनील ढ़ीलिवाल ओर एटीबीएफ नगर अध्यक्ष पुर्णिमा मेहता ने कार्यक्रम को सम्बोधित किया।


पीएमओ दिनेश वैष्णव ने सम्बोधित करते हुए कहा थैलेसीमिया रोग गम्भीर बीमारी है जिसको होता उसका परिवार ही समझ सकता है कि कितनी गम्भीर समस्या है। उन्होंने कहा कि जब मेने पीएमओ का पद संभाला ही था कि एटीबीएफ के सुनील ढ़ीलिवाल ने जब थैलेसीमिया रोगियों के लिए बेड रिजर्व की बात रखी तो अजीब लग था लेकिन बाद में इसका बाद में महत्व समझ आया, उन्होंने कहा कि एटीबीएफ ने ही चित्तौड़गढ़ में सबसे पहले रक्तदान जागरूकता शुरू की हालांकि अभी तो कही संस्थाए आगे आ चुकी है और आप सबको भी आगे आने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि कुंडली मिलान के साथ साथ थैलेसीमिया जांच भी करवा लें ये भी बहुत जरूरी है।


डॉ अनिल सैनी ने स्वेछिक रक्तदान कोन कर सकता, इसके फायदे समझाए, उन्होंने एटीबीएफ द्वारा महिला दिवस पर 270 यूनिट महिला रक्तदान कर इतिहास रचने की भी सराहना कर संस्था का आभार जताया, उन्होंने कहा कि एटीबीएफ के सुनील ढ़ीलिवाल के कड़े प्रयासों ओर जिला कलेक्टर रहे चेतन देवड़ा व आदित्य सीमेंट के सहयोग से शुक्रवार को सेपरेशन यूनिट की शुरुआत जिला चिकित्सालय में हुई जिससे सभी को इसका फायदा होगा और यह चित्तौड़गढ़ के लिए बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी या अन्य किसी औद्योगिक संस्थान में काम करने वाला पुरुष या महिला आकर रक्तदान करते है तो उसके लिए हम सर्टिफिकेट जारी करेंगे जिससे उसे उस दिन का बिना वेतन कठौती अवकाश मिल सकेगा।


डॉ दिनेश कांठेड़ ने सम्बोधित करते हुए हीमोफीलिया के बारे में विस्तृत में जानकारी दी। साथ ही उन्होंने बच्चो में होने वाली विभिन्न बीमारियों और उनके उपचार के बारे में जानकारी दी।
पूर्णिमा मेहता ने थैलेसीमिया के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह आनुवंशिक बीमारी है, थैलेसीमिया का सीधा प्रभाव हीमोग्लोबिन पर पड़ता है, थैलेसीमिया के मरीज में ब्लड चढ़ाने की सबसे ज्यादा दिक्कत आती है, ओर बाहर से अधिक ब्लड चढ़ने से आयरन बढ़ने से भी समस्या का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि थैलेसीमिया माइनर ओर मेजर दो प्रकार का होता जिसमे माइनर में कोई बीमारी नही बस वह अगली पीढ़ी में बीमारी ट्रांसफर कर सकता है जिसका टेस्ट से पता चलता है लेकिन मेजर बीमारी भयंकर होती है, जिनको निरन्त रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है। इसके लिए उन्होंने एचबीएटु टेस्ट की राय दी, साथ ही अन्य को भी जानकारी पहुचा जागरूक करने की बात की।


एटीबीएफ संस्थापक सुनील ढ़ीलिवाल ने सम्बोधित करते हुए कहा कि चित्तौड़गढ़ से एटीबीएफ ने रक्तदान मुहिम चलाई ओर आज विभिन्न मुहिम के माध्यम से जनजागरूकता का कार्य निरंतर जारी है, उन्होंने कहा कि जिस तरह से मतदान होता उस तरह से हमने महिला दिवस पर महिलाओ को रक्तदान करवाया, उन्होंने बताया कि इमरजेंसी केस में हम सभी को देश भर में रक्त उपलब्ध करवाते है, हम 12 साल तक कि बच्चियो ओर थैलेसीमिया रोगियों को बिना रिप्लेस के हमेशा रक्त उपलब्ध करवाते रहे हैं। साथ ही उन्होने हीमोग्लोबिन बढ़ाने के देशी नुक्से बताते हुए कहा कि मुनक्का दाख ओर अंजीर का सेवन करे 1 महीने में परिवर्तन आपके सामने होगा।


इस दौरान रक्तदान के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने पर एटीबीएफ कार्यवाहक अध्यक्ष देव शर्मा, जिलाध्यक्ष ओम जैन शंभूपुरा, दुर्गेश लक्षकार, सुरेन्द्र टेलर, मदन गोस्वामी, दिलीप सुथार, एएनएम सुनीता साडास, विमल सोलंकी, ओम प्रकाश जायसवाल, चांदनी आदि को अतिथियों द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया
कार्यक्रम का संचालन अरुण जैन ने किया।

Don`t copy text!