वीरधरा न्यूज।चित्तोड़गढ़@ डेस्क।
डूंगला।नेहरू युवा केंद्र चित्तौड़गढ़ के तत्वाधान में जिला युवा अधिकारी सुमित यादव के नेतृत्व में मदर टैरेसा महिला मंडल अध्यक्ष श्वेता सामर द्वारा स्वास्तिक कंप्यूटर एजूकेशन संस्थान पर अंबेडकर जयंती मनाई गई। जिसके तहत 100 से 120 बालक बालिकाओं के बीच क्विज प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। प्रधान बगदी बाई मीणा द्वारा संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर के छायाचित्र पर पुष्पमाला अर्पित की साथ ही सरपंच सोहनी बाई मीणा ने दीप प्रचलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जयंती के अवसर पर वार्ड पंच भगवती देवी तेली ने अपने विचार व्यक्त करते हूए भीमराव अंबेडकर का बचपन किन कठिनाइयों में गुजारा उसके बारे में बताया कि डॉ भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू कस्बे में एक दलित (महार जाति) परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम भीमराव रामजी आंबेडकर था उनका परिवार सामाजिक रूप से निम्न समझे जाने वाले वर्ग से संबंध रखता था जिससे उन्हें बचपन से ही सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ा। स्कूल में उन्हें अलग बिठाया जाता था पानी छूने की अनुमति नहीं थी और समाज में हर जगह उनके साथ भेदभाव किया जाता था। लेकिन बालक भीमराव ने इन सब कठिनाइयों को अपनी शिक्षा के मार्ग में आडे नहीं आने दिया और शिक्षा के क्षेत्र में दिनों दिन प्रगति करते हुए एक दिन स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माता बने।
मदर टेरेसा मंडल अध्यक्ष श्वेता सामर ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया की डॉ भीमराव अंबेडकर एक महान समाज सुधारक, अर्थ शास्त्री, राजनीतिज्ञ विविधता और भारतीय इतिहास के सबसे प्रभावशाली व्यक्तित्व में से एक थे उन्होंने भारत के आजादी के समय देश को सही दिशा दिखाने के लिए कई तरह के योगदान दिए और भारत का संविधान तैयार करना उनमें से एक महान कार्य था। क्विज प्रतियोगिता में लगभग 100 से 120 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। क्विज प्रतियोगिता में जीते हुए छात्र छात्रों को मदर टेरेसा महिला मंडल द्वारा पारितोषिक वितरण किए गए।