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भदेसर- विधायक मंत्री एवं नवनिर्वाचित नेता अपने-अपने राजनीतिक लाभ के लिए परिसीमन के नाम पर भदेसर क्षेत्र का कर रहे हैं चीर हरण।

वीरधरा न्यूज।भदेसर@ श्री शैलेंद्र जैन।

भदेसर।राज्य सरकार के द्वारा क्षेत्र के विकास एवं आम जन की सुविधा हेतु परिसीमन का कार्य प्रारंभ करवाया गया परंतु यह परिसीमन क्षेत्र के विकास एवं आम जन की सुविधा का कार्य न होकर राज नेताओं के लिए रोटियां सेकने वाला साधन बन गया है।
इन तथाकथित राजनेताओं एवं जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने स्वार्थ एवं राजनीतिक हित को देखते हुए जनता के हितों को खूंटी पर टांग दिया है एवं सरकार के द्वारा जनता के हित में चलाए जा रहे इस परिसीमन के कार्य की धज्जियां उड़ा रहे हैं। पंचायत समिति कार्यालय एवं उपखंड कार्यालय के द्वारा जिला कलेक्टर को जो प्रस्ताव परिसीमन के भेजे जा रहे हैं वह पूर्णतया राजनीतिक दबाव में भेजे जा रहे हैं यहां पर बैठे अधिकारी भी नियमों की अनदेखी करते हुए बंद आंखों से यह प्रस्ताव मूल स्वरूप में ही जिला कलेक्टर कार्यालय भिजवा रहे हैं यदि यह प्रस्ताव राज्य सरकार के द्वारा स्वीकार कर लिए जाते हैं तथा यह प्रस्ताव मूर्त रूप धारण कर लेते हैं तो इसका आम जनता को कितना नुकसान उठाना पड़ेगा इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती हैं।
भदेसर पंचायत समिति राजस्थान की शायद पहली ऐसी पंचायत समिति होगी जिनको तीन विधानसभा में बांट रखा है और इस पंचायत समिति की 25 ग्राम पंचायत अलग-अलग विधानसभाओं में विभक्त हैं जिनमें से चित्तौड़गढ़ विधानसभा में 6 ग्राम पंचायत, बड़ी सादड़ी विधानसभा में 7 ग्राम पंचायत एवं कपासन विधानसभा में 12 ग्राम पंचायतें आती हैं। इन तीनों विधानसभाओं के विधायक इन पंचायत में अपना अधिकार रखते हैं।
परिसीमन के तहत भदेसर पंचायत समिति का चीर हरण करने का पहला प्रयास कपासन विधायक अर्जुनलाल जीनगर ने अपने पत्र के माध्यम से किया जिसमें उन्होंने इस पंचायत समिति की 25 ग्राम पंचायत में से 12 पंचायत को तोड़कर नई पंचायत समिति बनाने का प्रस्ताव बनवाकर जिला कलेक्टर के यहां उपखंड कार्यालय के मार्फत भिजवाया था वहीं इसी प्रकार का दूसरा प्रयास बड़ी सादड़ी विधायक एवं मंत्री गौतम दक ने शेष रही ग्राम पंचायत में से 7 पंचायत को हटाकर बड़ी सादड़ी विधानसभा के निकुंभ क्षेत्र को पंचायत समिति बनवाने का प्रस्ताव आगे भिजवा दिया जब विधायक भी भदेसर पंचायत समिति का चीर हरण करने का प्रयास कर रहे हैं तो इसी कड़ी में अभी-अभी निर्वाचित हुए एक नए नेता भी कहां पीछे रहते उन्होंने भी अपने जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए भदेसर ग्राम पंचायत को तोड़ने का प्रस्ताव भिजवा दिया जिसमें भदेसर ग्राम पंचायत के गाड़रियों की ढाणी एवं गोपी खेड़ा को तोड़कर एवं अन्य गांवों को मिलाकर गंगा गुड़ा पंचायत बनाने का प्रस्ताव भिजवा दिया। नई पंचायत बने इसको लेकर कोई आपत्ति नहीं है, परंतु जिन गांवों को तोड़कर नई पंचायत बनाने का प्रस्ताव लिया जा रहे हैं उन क्षेत्र के आम जनता को कितना नुकसान उठाना पड़ेगा इस और ध्यान भी नहीं दिया गया।
उदाहरण स्वरूप यदि गंगा गुड़ा ग्राम पंचायत बनती है एवं गाड़ियों की ढाणी एवं गोपी खेड़ा क्षेत्र को उसमें शामिल किया जाता है तो भदेसर के अनेक विभाग जिसमें विद्युत विभाग कार्यालय चिकित्सा कार्यालय पशु चिकित्सा कार्यालय 132 केवी सब स्टेशन के साथ टेलीफोन एक्सचेंज एवं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय एवं इस विद्यालय का खेल मैदान आदि भी उस क्षेत्र में चले जाते हैं
इन नवनिर्वाचित नेता ने अपना उल्लू सीधा करने के उद्देश्य से आनन फानन में यह प्रस्ताव बनाकर भिजवा दिया एवं यहां के अधिकारियों ने इस प्रस्ताव को मूल ही आगे भेज दिया
कहां तो डबल इंजन की सरकार बनने के बाद आम जनता विकास का सपना देख रही थी और कहां यह विधायक मंत्री एवं नवनिर्वाचित नेता अपने-अपने राजनीतिक लाभ के लिए भदेसर पंचायत समिति एवं भदेसर ग्राम पंचायत का चीर हरण करने पर आमादा है।
यहां के ग्रामीणों ने कहा कि समय बलवान होता है समय कब करवट बदलेगा इस बात को इन नेताओं को नहीं भूलना चाहिए।
खैर अभी तो प्रस्ताव जा रहे हैं परंतु यदि यह प्रस्ताव मूर्त रूप ले लेते हैं तो क्षेत्र की जनता इन राजनेताओं को कभी माफ नहीं करेगी।

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