नई दिल्ली-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ संशोधन बिल को मंजूरी दी, यह बिल हाल ही में लोकसभा और राज्यसभा से पारित हुआ।
वीरधरा न्यूज। नई दिल्ली@एजेंसी।
नई दिल्ली। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद वक्फ संशोधन बिल अब आधिकारिक रूप से कानून बन गया है। इस नए कानून को ‘वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025’ के नाम से जाना जाएगा, जो वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, पंजीकरण और सरकारी जमीनों पर दावों को लेकर सख्त नियम लागू करता है। यह कदम वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में उठाया गया है।
लोकसभा और राज्यसभा में बिल को लेकर हुआ था हंगामा
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में यह बिल भारी बहस के बाद पास हुआ था। लोकसभा में 288 वोटों से और राज्यसभा में 128 वोटों से इसे मंजूरी मिली। बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने इस बिल का समर्थन किया, जबकि विपक्षी दलों ने इसका जमकर विरोध किया था। सरकार का दावा है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकेगा और इनके असली मालिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा।
वक्फ एक्ट में क्या-क्या बदल जाएगा
नए कानून के तहत अब कोई भी वक्फ संपत्ति बिना लिखित दस्तावेज के दर्ज नहीं होगी। साथ ही, सरकारी जमीनों को वक्फ संपत्ति के तौर पर दावा करने पर रोक लगाई गई है। अगर कोई जमीन विवादित या सरकारी निकली, तो उसे वक्फ में दर्ज नहीं किया जाएगा। इसके लिए कलेक्टर को जांच का अधिकार दिया गया है। वक्फ संपत्तियों का पूरा ब्योरा अब ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज करना अनिवार्य होगा, जिसे 6 महीने के भीतर लागू करना है।
कानून में बोहरा और अघाखानी समुदायों के लिए अलग वक्फ बोर्ड बनाने का भी प्रावधान है। साथ ही, वक्फ बोर्ड में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों और महिलाओं की नियुक्ति सुनिश्चित की गई है। वक्फ संपत्तियों के सर्वे का जिम्मा अब सर्वे कमिश्नर की जगह कलेक्टर को सौंपा गया है।
इस बदलाव से वक्फ संपत्तियों पर पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद है, हालांकि विपक्ष इसे धार्मिक मामलों में दखल बता रहा है। सरकार का कहना है कि यह कानून देशहित में है और इससे वक्फ प्रणाली मजबूत होगी।