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शुद्ध आहार मिलावट पर वार अभियान के अन्तर्गत औचक निरीक्षण कर जॉंची खाद्य तेल की गुणवत्ता।

 

वीरधरा न्यूज।चित्तौड़गढ़@ डेस्क।

चित्तौड़गढ। खाद्य सुरक्षा आयुक्त एवं राज्य सरकार की निरन्तर आमजन को शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध हो सके इस हेतु 4 अप्रेल को चित्तौड़गढ शहर में जांच एवं निरीक्षण दल की कार्यवाही।
जिला कलक्टर के निर्देशन व अभिहित अधिकारी (खाद्य सुरक्षा) एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ताराचन्द गुप्ता के निर्देशन में खाद्य सुरक्षा अधिकारी घनश्याम शर्मा एवं मनीष कुमार शर्मा की टीम ने खाद्य पदार्थो के प्रभावी नमूनीकरण एवं निरीक्षण हेतु 4 अप्रेल को शहर के विभिन्न प्रतिष्ठानो मैसर्स नामदेव कचोरी सेंटर, गड्डू भाई कचारी सेंटर, गुजरात नाश्ता सेंटर, पुर्णिमा चाट, नामदेव नमकीन, न्यू लाजवाब नमकीन आदि की युज्ड कूकीग ऑयल की गुणवत्ता की जांच मौके पर ही टी.पी.सी. मीटर द्वारा की गई। उक्त प्रतिष्ठानो में गड्डू भाई कचारी सेंटर व नामदेव कचोरी सेंटर (विनीत) पर कपासिया तेल एवं मूंगफली तेल की टी.पी.सी. का स्तर मानक स्तर से अधिक पाये जाने से मौके पर उक्त तेल को उपयोग नहीं करने हेतु पाबन्द कर उपरोक्त तेल के निस्तारण हेतु (साबून बनाने हेतु अथवा बायो डीजल फर्मो को देने हेतु) समझाया गया। एवं भविष्य में इस प्रकार के खाध्य तेल खाध्य पदार्थ बनाने हेतु काम मे न लेने हेतु निर्देशित किया गया।
उक्त अभियान सम्पूर्ण जिले में निरन्तर जारी रहेगा जिसके अन्तर्गत तेल की गुणवत्ता मौके पर ही जांच की जावेगी। खाध्य तेल में टीपीसी की मात्रा मानक स्तर से अधिक पाये जाने पर कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जावेगी।

अपील:
जिले के सभी नमकीन निर्माता, कचोरी, समोसा विक्रेता निर्माता, फास्ट फूड स्ट्रीट वेन्डर व अन्य सभी खाद्य व्यापारियों से अपील की जाती है कि आप द्वारा काम में लिये जा रहे खाद्य तेल को तीन बार से अधिक उपयोग में नहीं लेवे चूंकि खाध्य तेल को बार-बार करने से तेल की गुणवत्ता समाप्त हो जाती है जोकि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अतः खाद्य तेल कम मात्रा में काम में ले ताकि खाद्य तेल की गुणवत्ता बनी रहे व यूज्ड ऑयल अगर गाढा़ या कालापन प्रतीत हो तो उसका निस्तारण साबून बनाने हेतु अथवा बायो डीजल फर्मो को दिया जावे।

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