वीरधरा न्यूज।जयपुर@ श्री अक्षय लालवानी।
जयपुर। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 24 फरवरी 2019 को किसानों के हित के लिए उत्तरप्रदेश के गोरखपुर जिले से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की गयी थी। इस योजना के अन्तर्गत छोटे और सीमांत किसानों के खातों में हर साल 6000 रूपये की राशि तीन किस्तों में डाली जाएगी। हाल ही में 25 फरवरी 2025 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा बिहार के भागलपुर में पीएम किसान योजना की 19 वीं क़िस्त जारी कर दी गयी थी। जिसमें राजस्थान में एक बहुत ही बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। इस फर्जीवाड़े में राजस्थान में लगभग 29 हजार फर्जी खातों में लगभग 7 करोड़ रूपये की राशि ट्रांसफर की गयी है।
क्या फर्जीवाड़ा हुआ है:
हाल ही में 19 वीं क़िस्त में मोदी सरकार लगभग 2.41 करोड़ महिला किसानों सहित 9.8 करोड़ से अधिक किसानो के खातों में 2000 रूपये की राशि 25 फरवरी 2025 को डाल दी है। 19 वीं क़िस्त के रूप में 9.8 करोड़ किसानो के खातों में लगभग 22 हजार करोड़ की राशि हस्तांतरित की गयी हैं। लेकिन सरकार की और से किसानों के खातों में पीएम किसान योजना के अंतर्गत डाली गयी 19 वीं क़िस्त में राजस्थान में एक बहुत ही बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस फर्जीवाड़े में राजस्थान राज्य में इस योजना के अंतर्गत राजस्थान की कुछ तहसीलों ऐसे लोगों ने आवेदन किया था जो कि मूल रूप से उन तहसीलों के निवासी नहीं थे। और ये फर्जीवाड़ा राजस्थान राज्य के केवल एक ही जिले की लगभग 3 तहसीलों में हुआ है। इन 3 तहसीलों में लगभग 29 हजार फर्जी खातों में पीएम किसान योजना के लगभग 07 करोड़ रूपये ट्रांसफर हुए है।
इस योजना में हुए फर्जीवाड़े में पाली जिले की देसूरी, रानी तथा मारवाड़ जंक्शन तहसील शामिल है।
जिला प्रशासन के द्धारा करवाए गए भौतिक सत्यापन में पाली जिले की 3 तहसीलों देसूरी, रानी तथा मारवाड़ जंक्शन में लगभग 29 हजार खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की कुल राशि में से लगभग 7 करोड़ रूपये की राशि फर्जी खातों में ट्रांसफर हो गयी है।
इस फर्जीवाड़े के बाद पाली जिले के वर्तमान जिला कलेक्टर के अनुसार पाली जिले की इन तीनों तहसीलों देसूरी, रानी तथा मारवाड़ जंक्शन के तहसीलदार ने इस फर्जीवाड़े को लेकर के इन तहसीलों के संबधित पुलिस थानों में मामला दर्ज करवाया है। इसके साथ ही इस मामले की पूरी तरह से जाँच करने की जिम्मेदारी एसडीएम सीलिंग अशिवन के. पंवार को सौंपी गयी है। एसडीएम सीलिंग अशिवन के. पंवार के द्वारा इस मामले की जाँच की जा रही है। इस फर्जीवाड़े के अंतर्गत जो भी दोषी पाया जाता है उसके खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही की जाएगी।