वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@ डेस्क।
चित्तौड़गढ़। जिला रसद कार्यालय एवं कट्स मानव विकास केन्द्र के सयुंक्त तत्वाधान में 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस पर ‘‘टेकलिंग प्लास्टिक प्रदुषण’’, विषय पर रावला सेंती में जिला स्तरीय विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में जिला उपभेक्ता मंच के अध्यक्ष पी.एल. आमेटा नें कहा कि उपभोक्ता अधिकार के बारे में आम उपभोक्ताओं को जागरूक करने की आवश्यकता है। प्लास्टिक के अंधाधुंध उपयोग से मानव जीवन ही नहीं बल्कि जीव जन्तुओं के लिए खतरा है। उन्होने प्लास्टिक के दुष्परीणाम में बारे में आम उपभोक्ताओं को जागरूक करने की आवश्यकता प्रतिपादित की।
कट्स के केन्द्र समन्वयक गौहर महमूद ने स्वागत उदबोधन देते हुए कहा कि 15 मार्च का दिन उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में मनाने के लिए इसलिए चुना गया कि वर्ष 1962 में तत्कालिन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ. केनेडी ने अमेरिकी संसद में इस दिन उपभोक्ता अधिकारों पर ऐतिहासिक भाषण दिया था। तभी से उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूकता बढाने हेतु 15 मार्च का दिन एक अर्न्तराष्ट्रिय उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है और एक संगठित स्वरूप में इस दिवस को 15 मार्च 1983 से विश्व स्तर पर एक वार्षिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए श्रम विभाग के प्रशासनिक अधिकारी मदनलाल सालवी ‘ओजस्वी’ नें विश्व उपभेक्ता अधिकार दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हर उपभाक्ता सामान लेते समय दुकानदार से पक्का बील अवश्य लें तथा किसी भी प्रकार की ठगी होने पर सक्षम फोरम पर वाद दायर कर राहत प्राप्त करे।
पर्यावरणविद डॉ. भगवतसिंह तंवर नें कहा कि हम दैनिक जीवन में काम आने वाली वस्तुएं खरीदने के लिए बाजार में जाते है तो अधिकतर सामग्री प्लास्टिक की थेली में ही लेकर आते है जो हमारे स्वास्थ्य एवं पर्यावरण दोने के लिए खतरा है। उन्होने कहा कि आलस्य प्रवृती को त्याग कर कपडे की थेली का उपयोग करने की आदत का विकास करें। जिला रसद विभाग के प्रवर्तन निरीक्षक हितेश जोशी ने बताया कि स्वस्थ जीवन के लिए अपने दैनिक जीवन में प्लास्टिक वस्तुओं का त्याग करना होगा। इस अवसर पर वन स्टोप सेंटर की रसीदा बानू, नगरी के सत्यनारायण रेगर, रीया मौड़, हर्षवर्धनसिंह ने भी विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम का संचालन मदन लाल कीर ने किया एवं आभार प्रवर्तन निरीक्षक सुमन तिवारी ने व्यक्त किया। गोष्ठि में 85 सहभागियों नें भाग लिया।