वीरधरा न्यूज। बौंली/ बामनवास@ श्री श्रद्धा ओम त्रिवेदी।
बोंली।बरनाला क्षेत्र के ग्रामीण बिजली, पानी, अतिक्रमण और रोशनी जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में परेशान हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने समय-समय पर इनके समाधान के आदेश जारी किए, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। 28 मई को जिला प्रभारी सचिव महेंद्र सोनी और कलेक्टर डॉ. गौरव सेनी ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनी थीं, वहीं 5 दिसंबर को ग्राम पंचायत में जिला कलेक्टर द्वारा जनसुनवाई की गई थी। तत्कालीन अधिकारियों ने तीन दिन के भीतर समाधान के निर्देश भी दिए थे, लेकिन 10 माह बीत जाने के बाद भी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। प्रशासन के आदेश सिर्फ कागज़ों तक सीमित रह गए, जबकि ज़िम्मेदार अधिकारियों ने उन्हें अमल में लाने की कोई गंभीर कोशिश नहीं की। बरनाला में राजेंद्र प्रसाद मीणा द्वारा दर्ज कराए गए अवैध अतिक्रमण मामले को लेकर पंचायत समिति बामनवास के खंड विकास अधिकारी ने ग्राम विकास अधिकारी, बरनाला को पत्र जारी किया था, जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया कि तहसीलदार, बरनाला ने पटवारी के माध्यम से सीमांकन करवा दिया था और 7 दिन के भीतर समस्या के निस्तारण के आदेश दिए थे, लेकिन 10 माह बीतने के बाद भी ग्राम विकास अधिकारी ने इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया, जिससे अतिक्रमण की समस्या विकराल होती जा रही है और आमजन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, चैन सिंह की दुकान से घास भैरव तक जाने वाला नाला एक व्यक्ति द्वारा अवरुद्ध कर दिया गया, जिससे क्षेत्र में जलभराव की गंभीर समस्या उत्पन्न हो रही है। नाले के अवरुद्ध होने से मकानों और दुकानों में पानी भर रहा है, जिससे गरीबों के मकान और बाउंड्री की दीवारों के गिरने का खतरा बढ़ गया है। तहसीलदार द्वारा सीमांकन कराए जाने के बावजूद ग्राम पंचायत इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है, जिससे बारिश के दौरान स्थिति बेकाबू हो सकती है और जान-माल की क्षति की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। बरनाला बस स्टैंड पर स्ट्रीट लाइटों की अनुपस्थिति से यात्री असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पूर्व में ग्राम पंचायत द्वारा यहां स्ट्रीट लाइटें लगवाई गई थीं, लेकिन अब वे सभी खराब हो चुकी हैं। परिवादियों ने कई बार ‘पीजी पोर्टल’ और ‘181 हेल्पलाइन’ पर शिकायतें दर्ज करवाईं, लेकिन ग्राम पंचायत के अधिकारियों ने शिकायतों का निस्तारण बिना कार्रवाई किए ही कर दिया। खंड विकास अधिकारी को जिला कलेक्टर महोदय द्वारा बरनाला बस स्टैंड पर लाइट लगाने के मौखिक आदेश दिए गए थे, लेकिन 10 माह बीत जाने के बाद भी लाइटें नहीं लगाई गईं। ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि प्रशासन केवल कागजी खानापूर्ति में लगा हुआ है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो रही। जनसुनवाई में अधिकारियों ने तीन दिन में समाधान का आश्वासन दिया था, लेकिन 10 माह बीत जाने के बाद भी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। ग्राम पंचायत और विकास अधिकारी, उच्च अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं, जिससे जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। यदि प्रशासन शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाता, तो ग्रामीण बड़े पैमाने पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।