वीरधरा न्यूज।चित्तौड़गढ़@ डेस्क।
चित्तौड़गढ़। कृषि विज्ञान केन्द्र, चित्तौड़गढ़ पर ग्रामीण कृषि कार्यानुभव (रावे) कार्यक्रम के तहत सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के बी.एसी. कृषि अंतिम वर्ष के 15 छात्र-छात्राओं को (20 जनवरी, 2025 से 22 मार्च, 2025 तक) प्रशिक्षण दिया गया।
केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. रतन लाल सोलंकी ने बताया कि ग्रामीण कृषि कार्यानुभव के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं को कृषि विज्ञान केन्द्र की मॉडल नर्सरी, वर्मी कम्पोस्ट, अजोला, बकरी, वर्मी वॉश, डीकम्पोजर, मिटटी व जल परीक्षण इकाई, मातृवृक्षों बगीचे एवं बीज उत्पादन सस्य फार्म पर विद्यार्थियों को कृषि वैज्ञानिको द्वारा सैद्धान्तिक एवं प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया गया साथ ही जिसमें विद्यार्थियों को थैली भरने का तरीका, थैली में बीज डालने का तरीका तथा मूलवृन्त पौधे पर बडिंग, ग्राफ्टिंग का तरीका, जैविक खाद, वर्मी कम्पोस्ट, वर्मी वॉश, डीकम्पोजर बनाने का तरीका सिखा एवं खेत मे से मिटटी नमूना लेने का प्रायोगिक तरीका एवं मिटटी परीक्षण प्रयोगशाला में मिटटी नमूने विश्लेषण करने का तरीका सिखा साथ ही इन रावे विद्यार्थियों को हसमतगंज, सहनया, पंचदेवला एवं सुखवाड़ा आदि गांवो के प्रगतिशील कृषको के साथ कृषि कार्यों का अनुभव लेने हेतु भेजा गया वंहा रावे विद्यार्थियों ने किसानो से रूबरू होकर कृषि कार्यों का व्यावहारिक एवं प्रायोगिक कार्य सिखा। रावे विद्यार्थियों का स्टूडेन्ट रेडी कार्यक्रम के केविके पर समापन समारोह पर डॉ. हेमू राठौड़, सेवानिवृत प्रोफेसर, सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय, उदयपुर ने भी रावे कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला साथ ही समापन समारोह पर महाविद्यालय की छात्रा कनिष्का टांक ने रावे के तहत केविके एवं गांव के कृषक से रूबरू होकर जो ज्ञान प्राप्त किया उसकी प्रगति प्रतिवेदन का प्रस्तुतीकरण किया। डॉ. रूपल बाबेल, सह आचार्य, सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय, उदयपुर ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
अन्त में कार्यक्रम के अन्त में उपस्थित अतिथियो एवं बी.एसी. कृषि अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं को संजय कुमार धाकड़, कार्यक्रम सहायक ने धन्यवाद ज्ञापित किया।