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जयपुर-कलेक्टरों को पंचायती राज विभाग के नए निर्देश जारी पंचायतों के पुनर्गठन व नवसृजन में आबादी आधार पर 15 प्रतिशत की छूट रहेगी।

 

वीरधरा न्यूज़।जयपुर@ श्री अक्षय लालवानी।

जयपुर।प्रदेश की ग्राम पंचायताें, पंचायत समितियाें और जिला परिषदाें के पुनर्गठन, नवसृजन और पुनर्सीमांकन का काम जारी है। कलेक्टर इस दिशा में कामकाज में जुटे है। इसी मामले में लाेकल लेवल पर अंदरूनी सियासत जारी है। इसी बीच राज्य सरकार ने कलेक्टरों को निर्देश दिए है कि पंचायतों के प्रस्ताव तैयार करने में जनसंख्या आधार के तय पैमाने काे 15 प्रतिशत तक कम – ज्यादा करके भी प्रस्ताव भेज सकते हैं।
गाैरतलब है कि 2011 के जनगणना के आधार पर कलेक्टरों काे ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषदाें के प्रस्ताव तैयार करने की गाइडलाइन तय की गई थी।

पंचायत समिति का पैमाना 2 लाख था, इसमें 15% का फार्मूला लागू रहेगा

पिछले दिनाें तय हुआ था कि 2 लाख से अधिक आबादी की पंचायत समितियां टूटेगी। प्रति ग्राम पंचायत न्यूनतम 3 हजार और अधिकतम 5500 का पैमाना तय किया गया था। अब 15 प्रतिशत कम – ज्यादा कम करने का फार्मूला इसी पर लागू रहेगा। सभी कलेक्टर पंचायती राज विभाग काे इसे ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव भेजेंगे।
गाैरतलब है कि रेगिस्तानी क्षेत्र बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर, जाेधपुर बाड़मेर और बारां के कुछ क्षेत्राें के लिए पंचायत समिति का पैमाना डेढ़ लाख की आबादी का रखा गया था। इसमें भी 15 प्रतिशत की छूट का प्रावधान रहेगा।

कलेक्टरों काे 25 मार्च तक तैयार करने हैं प्रस्ताव

पंचायती राज विभाग ने पिछले दिनाें एक सरकुलर जारी करके पुनर्गठन और नवसृजन के काम की तिथियाें में मामूली बदलाव किया था। जिसके तहत अब कलेक्टरों काे ग्राम पंचायत, पंचायत समितियाें और जिला परिषदाें से जुड़े प्रस्ताव 25 मार्च तक तैयार करके राज्य सरकार काे भिजवाने है। इसके बाद आपत्तियाें आदि का प्राेसेस पूरा कराकर 30 मई तक राज्य सरकार के स्तर पर इसका अनुमाेदन हाेगा।
बताया जा रहा है कि इसके बाद ही पंचायत चुनाव के रास्ते खुलेंगे। हालांकि प्रदेश में वन स्टेट वन इलेक्शन की दिशा में काम चल रहा है। उधर सरपंचाें काे प्रशासक बनाया जा चुका है। ऐसे में लाेकल लेवल के चुनाव सितंबर के बाद ही संभव हाे सकते हैं। प्रमुख पार्टियों को चुनाव की तिथियों के इंतजार है। और खुद के परिसीमन का खुलासा चाहते है।

कलेक्टरों काे गाइडलाइन में ये भी दाेबारा निर्देशित किया

ग्राम पंचायतों से लेकर पंचायत समितियाें का सीमा विवाद नहीं हाेना चाहिए। राजस्व ग्राम पूरी तरह से सिर्फ एक ही ग्राम का हिस्सा हाेना चाहिए।
ग्राम पंचायतें एक ही विधानसभा का हिस्सा रखनी हाेगी।
खुद के गांव काे दूसरी ग्राम पंचायत में शामिल कराने का विकल्प जनता काे मिलेगा।

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