अश्लील वीडियो वायरल मामले में शिक्षा विभाग की बड़ी कार्यवाही दोनों शिक्षक शिक्षिका को किया राजकार्य से बर्खास्त।
वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@ डेस्क।
चित्तौड़गढ़। जिले के बहिचर्चित गंगरार उपखंड क्षेत्र के सालेरा गांव में प्रिंसिपल और महिला टीचर के अश्लील वीडियो वायरल के मामले में शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया।
जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक राजेंद्र कुमार शर्मा ने निलंबित प्रधानाध्यापक अरविंद व्यास और महिला शिक्षिका को राजकार्य से बर्खास्त कर दिया है।
डीईओ प्रारंभिक के निकाले गए आदेश में बताया गया कि निलंबित अरविंद व्यास से स्पष्टीकरण मांगा गया था लेकिन 20 जनवरी तक भी उन्होंने जांच कमेटी के सामने अपना जवाब पेश नहीं किया। वहीं, महिला टीचर ने वीडियो में खुद के होने की बात कही। साथ ही, वीडियो को एडिट किया हुआ बताया। लेकिन जांच में वीडियो असली साबित हुआ। दोनों के अनैतिक आचरण को देखते हुए उन्हें डिसमिस करने का आदेश निकाला गया।
निलंबित अध्यापक ने नहीं दिया स्पष्टीकरण
जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक राजेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि शनिवार को गंगरार के सालेरा गांव के राजकीय स्कूल के अध्यापक अरविंद व्यास और महिला टीचर का अश्लील वीडियो वायरल हुआ। दोनों ने स्कूल में ही प्रिंसिपल के ऑफिस में ही अनैतिक हरकत की। जिसके कारण शिक्षा विभाग की काफी बदनामी हुई है। दोनों को निलंबित करते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया था। शिक्षा विभाग द्वारा गठित टीम के सामने पेश होकर 20 जनवरी को दोनों को स्पष्टीकरण देना था। अरविंद व्यास ने टीम के सामने अपना कोई भी स्पष्टीकरण पेश नहीं किया।
टीम ने कि जांच, वीडियो के सही होने की पुष्टि की
सोमवार को शिक्षा विभाग की टीम मामले में जांच करने पहुची तो महिला टीचर ने टीम के सामने ये स्वीकार किया है कि वीडियो में दिखने वाली महिला वह खुद है। लेकिन वीडियो एडिट किया हुआ है। जब जांच टीम ने पूरे मामले की गंभीरता से जांच की तो पाया कि यह वीडियो सही है और उसमें सरकारी स्कूल का अध्यापक और महिला टीचर ही है। वीडियो भी प्रिंसिपल के ऑफिस का ही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों को टर्मिनेट किया गया है। डीईओ शर्मा ने अपने आदेश में यह बताया है कि इनके खिलाफ उनके अनैतिक आचरण को देखते हुए एकतरफा फैसला लिया गया है।
शिक्षा विभाग की बड़ी कार्यवाही, अब आगे पुलिस कार्यवाही करेगी
डीईओ राजेंद्र शर्मा ने कहा कि यह एक बहुत ही गरिमामयी पद है और उन्होंने बच्चों, उनके अभिभावको का भरोसा भी तोड़ा है, इनके वीडियो कई चैनल पर चले अखबारों में खबरे आई, इनकी इस हरकत से शिक्षा विभाग की छवि पूरे देश और प्रदेश में धूमिल हुई। दोनों एक लोकसेवक है और शिक्षक है। इसके बावजूद भी यह हरकत स्कूल में ही की गई है। टीचर्स का उच्च चरित्रवान, सदाचारी, नैतिक दृष्टि से सबल और आदर्श व्यक्तित्व का होना जरूरी है। इससे विद्यार्थियों के भविष्य के साथ-साथ अभिभावकों के विश्वास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इनके खिलाफ यह कार्यवाही शिक्षा विभाग की सबसे बड़ी ओर प्रभावी कार्यवाही है, इनके खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज है आगे की कार्यवाही पुलिस करेगी।
स्कूल में हवन यज्ञ कर बच्चों को प्रवेश करवाया
इस पूरे आंदोलन के नायक रहे कालू सुथार सालेरा ने बताया कि शिक्षा विभाग की कार्यवाही से हम सभी गांववासी सन्तुष्ठ है और विभाग का इस प्रभावी कार्यवाही के लिए आभार जताते है, साथ ही पुलिस में भी रिपोर्ट दर्ज है पुलिस विभाग भी त्वरित कार्यवाही कर ऐसे दोषियों को तुरन्त गिरफ्तार करें हम सब यही मांग करते है।
कालू सुथार ने बताया कि मंगलवार को विद्यालय में सभी युवा साथी के साथ पहुचे जहाँ पूरे विद्यालय कि साफ सफाई करवा, हवन यज्ञ कर सुद्धिकरण के बाद ही सभी बच्चों को प्रवेश करवाया गया।
पुलिस जांच जारी, होगी कार्यवाही
गंगरार सीआई दुर्गा प्रसाद दाधीच ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा निलंबित शिक्षिक शिक्षिका के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है, हम मामले में गहनता से जांच कर रहे है, जल्द उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार उचित कार्यवाही कि जाएगी।