वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@ श्रीमती दीपिका जैन।
चित्तौड़गढ़। राज्य सरकार और शिक्षा विभाग के आदेश के बाद प्रदेशभर में सभी सरकारी और निजी विद्यालयों में शीतकालीन अवकाश 25 दिसम्बर से 6 जनवरी तक कर दिया गया, लेकिन इसी बीच सरकार आंगनवाड़ी में पढ़ने वाले उन मासूमो को भूल गई जो सरकारी स्कूलों में पढ़ने वालों से भी छोटे और मासूम है।
बता दे कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी जिले के सभी सरकारी और निजी विद्यालय शीतकालीन अवकाश के चलते बन्द हो गए है, जिनमें बच्चो के साथ साथ स्टाफ तक कि छुट्टियां हो चुकी है, तो वही जिले की सेकड़ो आंगनवाड़ीयों में पढ़ने वाले हजारों मासूम नंन्हे मुन्ने बच्चे जिनकी उम्र मात्र 3 से 6 साल है वो ऐसे ठिठुरती सर्दी में भी केंद्र पहुँच रहे है, जिससे कही जगहों पर तो अभिभावकों ने भी रोष जताया कि क्या सरकार को ऐसे मासूम बच्चें नही दिख रहे जिनके छुट्टियां करने के बजाए आंगनवाड़ी केंद्र खुलवा रखे है।
वही अब छोटे छोटे मासूम आस लगाए बैठे है कि बड़े बच्चो कि तरह हमारे भी छुट्टियां होगा, बच्चों की आस कलेक्टर अंकल हमारी भी सुन लो पुकार।
जिले में पहली बार 2 जनवरी 2020 को हुई थी छुट्टियां
चित्तौड़गढ़ जिले में इतिहास में पहली बार आंगनवाड़ी के बच्चो की छुट्टियां 2 जनवरी 2020 को हुई थी, जब वीरधरा न्यूज़ नेटवर्क ने बच्चो की आवाज बन प्रमुखता से खबर प्रकाशित कर जिला कलेक्टर से आग्रह भी किया था, जिसके बाद जिला कलेक्टर चेतनराम देवड़ा ने भी तत्परता दिखाते हुए तुरन्त उच्चाधिकारियों से बात कर पहली बार जिले में आंगनबाड़ी बच्चों को छुट्टियों के उपहार के रूप में आदेश जारी कर ठिठुरती सर्दी में बच्चों को राहत प्रदान की थी, जिसपर जिलेवासियों ने खुशी जताते हुए आभार प्रकट किया था।
अब देखना यह है कि क्या जिले के इन मासूमो कि पुकार जिला कलेक्टर सुनेंगे या इनकी ठिठुरन ऐसे ही बरकरार रहेगी यह समय के गर्त में है।