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आकोला-मुंगाना धाम 1008 श्री चेतनदास जी महाराज के सानिध्य में हुआ एनएसएस केम्प सम्पन्न।

 

वीरधरा न्यूज़।आकोला@ श्री शेख सिराजुद्दीन।

आकोला। “वैदिक ज्ञान व वेद ही ह भारतीय संस्कृति व संस्कारों का आधार।” ऐसे विचार स्थानिय आर.एन.टी. महाविद्यालय, कपासन की एन.एस.एस. एवं आरआरसी इकाई द्वारा मुंगाना गाँव में आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर के समापन समारोह के मुख्य अतिथि श्री श्री 1008 श्री चेतनदास जी महाराज के प्रधान सेवक रामदयालजी महाराज ने स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए कहे। महाराज रामदयालजी ने अपने उद्बोधन में अपने कठिन जीवन वृतान्त को बताते हुए सभी स्वयंसेवकों को मेहनत, लगन एवं परिश्रम के साथ एकाग्र मन से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरन्तर प्रयन्त करते रहना चाहिए, की सीख दी। साथ ही अपने उद्बोधन में राष्ट्र की भावात्मक एकता में स्वयंसेवकों की अहम् भूमिका बताते हुए आह्वान किया कि स्वयंसेवकों को निःस्वार्थ भाव से समाज में सेवाकार्य करते रहना चाहिए। विशिष्ठ अतिथि वैदिक आश्रम के प्रधानाचार्य हिमांशु महाराज ने सभी स्वयंसेवकों को माता-पिता की सेवा एवं देश के प्रति समर्पण भाव रखते हुए समुचित विकास के लिए स्वयंसेवकों को प्रेरित किया तथा गांव में एकता एवं समाजसेवा के प्रति जागरूकता लाने के लिए स्वयंसेवकों का आभार व्यक्त किया। अध्यक्षीय उद्बोधन में महाविद्यालय उपाचार्य डॉ. ओ पी सुखवाल ने कहा कि एन.एस.एस. विद्यार्थियों को समाज से जोड़ने की एक कड़ी है जिसके माध्यम से विद्यार्थी सेवक के रूप में समाज की सेवा के लिए तत्पर होते है।एन.एस.एस. प्रभारी एच एल अहीर ने बताया कि महाविद्यालय एन.एस.एस. इकाई का सात दिवसीय विशेष शिविर का समापन समारोह मुंगाना ग्राम में प्रातः 11 बजे सरस्वती वन्दना एवं दीपप्रज्जवलन के साथ श्री श्री 1008 श्री चेतनदास जी महाराज के सानिध्य में रामदयालजी महाराज के आतिथ्य प्रधानाचार्य हिमांशु महाराज, अकादमिक निदेशक शिवनारायण शर्मा, कृषि डीन प्रो. एल. के. दशोरा, पूर्व ब्लॉक शिक्षाधिकारी रामसिंह चुण्डावत, प्रो. एस. एल. मूंदडा, मठ कोषाध्यक्ष एवं रंडियारडी प्रधानाचार्य एस. एल. शर्मा के विशिष्ठ आतिथ्य एवं महाविद्यालय उपाचार्य डॉ. ओ पी सुखवाल की अध्यक्षता में प्रारम्भ हुआ। तत्पश्चात हीरा लाल अहीर ने सभी का स्वागत करते हुए एन.एस.एस. के सात दिवसीय शिविर के अनुभव प्रकट किये। एन.एस.एस. प्रभारी ने सात दिवसीय शिविर का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया तथा शिविर के दौरान हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता स्वयंसेवकों एवं गांव के बच्चों को पुरस्कार वितरण किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन आर आर नागर एवं राकेश जीनगर ने किया। कार्यक्रम का समापन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के श्रद्धांजलि एवं मौन वृत से हुआ।

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