वीरधरा न्यूज़। जयपुर@श्री राहुल भारद्वाज।
जयपुर। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने शनिवार को एक आदेश जारी कर राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रहे प्रताप कृष्ण लोहरा को प्रदेश का नया लोकायुक्त नियुक्त किया है। राज्यपाल ने प्रताप कृष्ण लोहरा को 5 वर्ष के लिए लोकायुक्त के पद पर नियुक्ति प्रदान की है ।
गौरतलब है कि राज्य में लोकायुक्त का पद पिछले करीब दो वर्षों से रिक्त पड़ा हुआ था जिसके चलते करीब 4 हजार 500 केस लंबित भी चल रहे थे। इससे पहले जस्टिस एस.एस. कोठारी राजस्थान के लोकायुक्त थे। पिछली भाजपा सरकार में कोठारी के कार्यकाल को 3 साल बढ़ाकर 8 साल का कर दिया गया था। कोठारी का कार्यकाल बढ़ाने के आदेश 23 मार्च 2018 को जारी हुए थे। इसके अनुसार कोठारी 24 मार्च 2021 तक लोकायुक्त के पद पर आसीन रहते परन्तु कांग्रेस की गहलोत सरकार ने आते ही भाजपा सरकार के इस फैसले को पलट दिया गया था। इसके कारण 7 मार्च 2019 को कोठारी को लोकायुक्त के पद से हटा दिया गया था।
प्रदेश के जोधपुर जिले के रहने वाले जस्टिस प्रताप कृष्ण लोहरा
63 वर्षीय जस्टिस लोहरा जोधपुर के रहने वाले हैं। जस्टिस लोहरा राजस्थान सरकार के टेक्निकल एजुकेशन डिपार्टमेंट में लीगल एडवाइजर भी रहे हैं, साथ ही कई बैंकों की लीगल एडवाइजर भी रह चुके। 9 जनवरी 2015 को उन्हें जोधपुर हाई कोर्ट का जज बनाया गया था।
राजस्थान में 13 वें लोकायुक्त है जस्टिस लोहारी
प्रदेश की तत्कालीन सरकार ने 1973 में राजस्थान में लोकायुक्त तथा उप लोकायुक्त अध्यादेश का पारित करवाया था जो 3 फरवरी 1973 से प्रभावी हुआ। 26 मार्च 1973 को इसे राष्ट्रपति की स्वीकृति मिली। केंद्रीय स्तर पर लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम 2013 को संसद द्वारा 2014 में पारित किया गया, जिसे 1 जनवरी 2014 को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिली।
16 जनवरी 2014 को इसे राजपत्र में प्रकाशित किया गया। राजस्थान में लोकायुक्त एक स्वतंत्र संस्थान है जिसका क्षेत्राधिकार संपूर्ण राजस्थान में है। इस पर राज्य सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। राज्यपाल द्वारा प्रताप कृष्ण लोहरा को राजस्थान के 13वें लोकायुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है। इससे पूर्व जस्टिस कोठारी राजस्थान के 12वें लोकायुक्त थे ।
लोहरा की नियुक्ति के बाद घर पर लगा बधाई देने वालों का तांता
लोहरा की लोकायुक्त पद पर नियुक्ति के बाद उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया । राजस्थान उच्च न्यायालय के कई न्यायाधीशों से लेकर प्रदेश के वरिष्ठ अधिवक्ताओं व समाजसेवियों ने उन्हें इस पद पर नियुक्ति की बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए कामनाएं की।
नियुक्ति के बाद लोहरा ने कहा ईमानदारी व निष्ठा से कार्य करूंगा
पीके लोहरा ने नियुक्ति के बाद कहा कि जिस ईमानदारी और निष्ठा से न्यायपालिका में उन्होंने अपनी सेवाएं दी है, उसी तरह इस दूसरे दायित्व को भी निभाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने बताया कि उनके नाना स्टेट के जमाने में न्यायाधीश थे। उन्हीं की प्रेरणा से इस क्षेत्र में आगे बढ़ने में प्रेरणा मिलती रही।
पीके लोहरा ने कहा कि जिम्मेदारी को निभाना एक चुनौती है, लेकिन आदमी यह तय कर ले तो कुछ भी मुश्किल है। यदि ईमानदारी से काम करेंगे तो बेहतर नतीजे अवश्य मिलेंगे। रिटायरमेंट के बाद मेरी कोई ऐसी ख्वाहिश नहीं थी। मैं यह कह सकता हूं कि मैने अपनी तरफ से कोई प्रयास किया हो। मेरा राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं रहा।