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आकोला शिविर में सिर्फ खानापूर्ति, आलाधिकारी नदारद, शिविर पूर्णतया रहा फ्लॉप।

 

वीरधरा न्यूज़।आकोला@ श्री शेख सिराजुद्दीन।

आकोला। आकोला में शिविर के नाम सिर्फ खानापूर्ति ही हुई है, सिर्फ 0 से 5 वर्षिय के आधारकार्ड ही बना। जबकि आदेशानुसार कई कार्य थे, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ।
हमारे स्थानीय वरिष्ठ पत्रकार शेख सिराजुद्दीन द्वारा उपखंड अधिकारी को फोन करने के बाद 0 से 5 वर्षिय के आधार कार्ड बनाने वाला भी शिविर में 1.15 बजे पहुंचे। गलत जानकारी के अभाव में शिविर में ग्रामीणों, निजी – सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों को गुमराह किया गया। स्वास्थ्य केंद्र आकोला में शिविर आयोजित किया गया जिसमें आदेशानुसार बताया गया कि अतिरिक्त मुख्य सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, के एफ संकल्प 2024 / डीएमटी / बीसी / शिविर / सान्याअवि/24/20104-53 जयपुर दिनांक 07.11.2024 और जिला कलक्टर चितौडगढ के आदेश क्रमांक 3887 दिनांक 26.11.2024 के क्रम में घुमन्तु समुदाय (विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु) के आवश्यक दस्तावेज जैसे वोटर आईडी, आधार कार्ड, जनाधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, जाति पहचान प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड आदि बनाने एवं अन्य सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए जिले में “विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु सहायता शिविर” का आयोजन “विमुक्त जनजातिय मुक्ति दिवस” 27 नवम्बर, 2024 से प्रारम्भ करते हुए 15 दिसम्बर 2024 तक किया जाना हैं। उक्त शिविर प्रत्येक पंचायत समिति तथा नगर निगम / नगर पालिका व नगर परिषद में आयोजित किये जाने है और उक्त शिविर के आयोजन हेतु संबंधित उपखण्ड अधिकारी शिविर के ‘प्रभारी’ तथा ग्रामीण क्षेत्र में संबंधित विकास अधिकारी व शहरी क्षेत्र में संबंधित अधिशाषी अधिकारी ‘सहायक प्रभारी’ नियुक्त किये गये है। अतः उपरोक्त निर्देशों की पालना में उपखण्ड भूपालसागर में ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में निम्नलिखित कार्यक्रमानुसार “विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु सहायता शिविर” का आयोजन किया गया। उपखण्ड क्षेत्र हेतु नोडल अधिकारी के रूप में सम्पूर्ण पर्यवेक्षण अधोहस्ताक्षरर्ता द्वारा किया जावेगा, साथ ही शिविरों के प्रभावी क्रियान्वयन / नियंत्रण एवं प्रशासनिक व्यवस्थाओं हेतु तहसीलदार भूपालसागर को शिविर प्रभारी, विकास अधिकारी पंचायत समिति भूपालसागर को (ग्रामीण क्षेत्र) और अधिशाषी अधिकारी नगरपालिका आकोला (शहरी क्षेत्र) में सहायक शिविर प्रभारी नियुक्त किया गया, लेकिन इनमें से कोई आलाधिकारी नजर नहीं आए। शिविर स्थल पर आवश्यक व्यस्थाएं जैसे पानी, बिजली, टेन्ट, कुर्सी, ई-मित्र सेन्टर, कम्प्यूटर, आवश्यक कार्मिकों की उपस्थिति आदि ग्रामीण क्षेत्र में पंचायती राज संस्थाओं व शहरी क्षेत्र में नगरीय संस्थाओं / निकायों द्वारा सुनिश्चित की गई तथा शिविर में निर्धारित कार्यो के संपादन हेतु संबंधित विभागों के उपखण्ड स्तर अधिकारी / कर्मचारी उक्त शिविर में उपस्थिति व कार्य सम्पादन सुनिश्चित करेगें, आकोला नगरपालिका द्वारा शिविर में आदेशानुसार सारी सुविधाओं के बावजूद स्थानीय विद्यालयों के कर्मचारियों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के अलावा कोई अधिकारी नहीं थे। शिविर में सिर्फ और सिर्फ इस शिविर में 0 से 5 वर्षिय के आधार कार्ड के अलावा कोई कार्य नहीं हुआ। सोशलमीडिया पर कर्मचारियों जनप्रतिनिधियों द्वारा ग्रामीणों व विद्यालय के विद्यार्थियों को गुमराह किया गया कि आधार कार्ड में नाम मिस्टेक, जन्म तारीख मिस्टेक सही होना बताया गया। जिस पर निजी व सरकारी विद्यालयों के बालक बालिकाएं शिविर में पहुंचे, लेकिन शिविर में ऐसा कोई सुधार कार्य नहीं हो पाया। शिविर में लोगों को सिर्फ और सिर्फ गुमराह किया गया, शिविर पूरी तरह फ्लॉप साबित हुआ है।

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