वीरधरा न्यूज़। बौंली/ बामनवास@ श्री श्रद्धा ओम त्रिवेदी।
बोंली।अनुज सूता भगिनी सुत नारी, सुन शट कन्या संमचारी। इनहीं कुदृष्टि बिलोकहि तेही जेहि वधे कछु पापनहोहि। है बाली छोटे भाई की पत्नी, पुत्री, बहन एवं पुत्र की भार्या यह चारों अपनी पुत्री कन्या के समान होती है जो कोई भी इन्हें कुदृष्टि देखता है उसका वध करने में कोई पाप नहीं लगता। नगर पालिका मुख्यालय बौंली पर श्री राम कला मंडल द्वारा आयोजित शिव बगीची प्रांगण में सप्तम दिवस रामलीला के दौरान राम हनुमान मिलन, बाली वध, रावण सीता संवाद लीला का मंचन बहुत ही सुंदर वह मार्मिक तौर पर दिखाया गया जिसको देखकर उपस्थित श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। सर्वप्रथम पवनसुत हनुमान जी का भगवान श्री राम से प्रथम मिलन, उसके बाद सुग्रीव मित्रता, बाली वध, हनुमान जी का लंका में प्रवेश एवं रावण द्वारा अपनी पत्नी मंदोदरी को साथ ले जाकर अशोक वाटिका में जगत जननि जानकी जी कोसाम, दाम, दंड, भेद से अपने पक्ष के में करने के लिए विभिन्न तरीके अपनाने की लीला का मंचन किया गया। इस दौरान मातेश्वरी जगत जननि जानकी जी द्वारा रावण का तिरस्कार कर देने से वह क्रोधित हो उठा उसे फिर मंदोदरी ने समझाया।