वीरधरा न्यूज़। चित्तौडग़ढ़@ डेस्क।
चित्तौड़गढ़। अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश क्रमांक 3 के पीठासीन अधिकारी विनोद कुमार बैरवा ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में करीब 7 वर्ष पुराने आत्महत्या के मामले में अभियुक्त प्यार चंद भोई, गोपाल भोई, महेंद्र भोई भेरूलाल भोई को संदेह का लाभ देकर बरी किया।
ऐडिया की झोपड़ियां निवासी रतनलाल भाई की पुत्री रामुडी का विवाह अभियुक्त गोपाल भाई के साथ हुआ था और रामुड़ी ने सुसराल आने जाने के दौरान बिना किसी को बताएं प्रतापपुरा निवासी त्रिलोक भोई के साथ दूसरा नाता विवाह कर लिया इस दौरान सामाजिक झगड़े की राशि की मांग को लेकर अभियुक्त गोपाल व उसके पिता प्यार चंद भाई व महेंद्र भाई भैरूलाल भाई ने सामाजिक बैठक करके झगड़े की राशि की मांग की। इसी दौरान मृतका रामुडी बाई के नातायत पति त्रिलोक व उसके परिवार वालों ने परेशान शुरू कर दिया और रामूडी 24 दिन बाद पुनः अपने पीहर आ गई, पिहर मे रहने के दौरान दिनाक 23 अप्रैल 2018 को आत्महत्या कर ली। इस पर रामुडी के पिता रतनलाल भोई ने पुलिस थाना बस्सी में अभियुक्तघणो के विरुद्ध आत्महत्या के दुशप्रेरण का मुकदमा धारा 306, 365, 342 आईपीसी में दर्ज कराया और पुलिस थाना बस्ती द्वारा न्यायालय में अभियुकतगण को गिफ्तार कर पेश किया और चार्जशीट प्रस्तुत की न्यायालय में प्रकरण की पैरवी एडवोकेट ओमप्रकाश शर्मा, राजेंद्र सिंह चौहान सत्यनारायण माली व अन्य साथियों ने अभियुक्तगन की ओर से पैरवी करते हुए बहस व दलील प्रस्तुत की। इस पर न्यायालय अपर जिला एवं शेसन न्यायाधीश क्रमांक 3 के पीठासीन अधिकारी विनोद कुमार बेरवा ने अंतिम निर्णय पारित करते हुए अभियुक्तगण को संदेह का लाभ देकर बरी किया।