वीरधरा न्यूज़।डूंगला@ श्री मोहन दास वैरागी।
बड़ीसादडी। जैन दिवाकर प्रवचन हॉल बड़ीसादड़ी में आयोजित गुणानुवाद सभा में प्रवचन प्रभाविका महासाध्वी धैर्य प्रभाजी ने फरमाया कि
मन वचन और काया से जो साधना करते हैं उनको देवता भी दर्शन देते हैं ओर उनकी सेवा में हमेशा देवता भी तैयार रहते हैं। अपने जीवन को धर्ममय बनाने का प्रयत्न करें। अगर आप को भी अपने जीवन को महकाना है तो धर्म में अपना मन लगाओ।
आगे कहा कि यह चातुर्मास हमारे एक-एक पल को, एक-एक क्षण को धर्म मय बनाने के लिए आये है। अगर इस चातुर्मास में भी हम धर्म के लिए कुछ समय नहीं निकाल सकते तो हमारे पाप बढ़ते जाएंगे और क्या पता कितने भव ओर हमें जन्म मरण करने पढेंगे।
आगे कहा कि जैसी संगत वैसी रंगत अर्थात धर्म की संगत करोगे तो भवसागर पार करने से तुमको कोई नही रोक सकता। और अधर्म की संगत में रहोगे तो इस संसार सागर में भटकते ही रहना पड़ेगा। इसलिए अपने धर्म के प्रति हमेशा मजबूत बनो। धर्म के कार्य मे कभी बहाने मत बनाओ। धर्म के कार्य मे हमेशा तैयार रहे। देश सुरक्षित तो धर्म सुरक्षित और धर्म सुरक्षित तो देश सुरक्षित रहेगा ।
तपस्या की मटकी महोत्सव का हुआ समापन
5 अगस्त सोमवार से पंद्रह दिवसीय तपस्या की मटकी महोत्सव का आयोजन सुरु हुआ था। जिसमें पंद्रह दिनों तक रोजाना अलग-अलग छोटे-छोटे तप किये जिसमे नवकारसी, पोरसी, डेढ पोरसी, आयम्बिल, नेवी, एकासन, उपवास आदि। इस तप महोत्सव की शुरुवात चौविहार तप से हुई थी चोविहार अर्थात शाम को सूर्यास्त से सूर्योदय तक अन्न जल का त्याग करना। इस तप महोत्सव में करीब 88 श्रावक-श्राविकाओ ने भाग लिया था।
तप महोत्सव का समापन महासाध्वी धैर्य प्रभा के सानिध्य में सम्प्पन हुआ।
रोज गुरु वंदन मासखमण हुआ सम्पन
दिन में एक बार गुरु वंदन करने के लिए रोजाना एक महीने तक लगातार स्थानक में जाना कार्यक्रम में करीब 71 बालक बालिकाओं ने भाग लिया। रोज गुरु वंदन का मासखमण पूर्ण करने पर सभी को पुरुस्कृत किया गया।
रविवार को 78 वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा
जैन दिवाकर प्रवचन हॉल में 25 अगस्त, रविवार को प्रातः 8.30 बजे से संथारा साधक, स्पष्ट वक्ता परम पूज्य गुरुदेव धर्म मुनि महाराज का 78 वां जन्मोत्सव महासाध्वी धैर्यप्रभा आदि ठाणा-4 के पावन सानिध्य में धर्म आराधना के साथ मनाया जाएगा।
अभी रोजाना प्रवचन सभा मे गुरुदेव के जीवन पर साध्वी मंडल द्वारा प्रकाश डाला जा रहा है।