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रामधुन निकाली, धर्मसभा मे बांग्लादेश हिंसा पीड़ितों को श्रद्धांली दी।

 

वीरधरा न्यूज़।डूंगला@ श्री मोहन दास वैरागी।

डूंगला।श्री सिद्ध पंचमुखी बालाजी सेवा संस्थान बड़ीसादड़ी द्वारा प्रति रविवार को रामधुन के क्रम में 138वीं रामधुन प्रातः 6:45 बजे आनंद धाम श्री रामद्वारा चौक से प्रारंभ होकर ब्रह्मपुरी, श्री इच्छापूर्ण बालाजी मंदिर, श्री सोमनाथ महादेव मंदिर, घंटाघर होते हुए वन विभाग के पास स्थित महादेव जी के मंदिर पर पहुंची। सामूहिक हनुमान चालीसा के पाठ एवं आरती के पश्चात धर्म सभा का आयोजन किया गया। धर्म सभा में हाल ही में बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बहाने हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी गई। वक्ताओं ने पूरे विश्व में फैल रहे आतंकवाद का मूल जिहादी मानसिकता को बताते हुए कहा कि कला, साहित्य, शौर्य और मां काली जगदंबा की धरती पर धर्म के नाम पर जो हिंदुओं की हत्याएं की जा रही है। मातृशक्ति पर जो अत्याचार किया जा रहा है, उसका समाज को खुलकर विरोध करना चाहिए तथा भारत सरकार को भी हिंदुओं की रक्षा के लिए सभी स्तरों पर आवश्यक प्रयास करने चाहिए। वक्ताओं ने कहा कि इन घटनाओं से सबक लेकर हमें स्थानीय स्तर पर भी किसी भी प्रकार की गलतफहमी में न रहकर अपनी रक्षा के लिए सतर्क रहना चाहिए। इस प्रकार के संवेदनशील विषय पर नेताओं, धर्मगुरुओ, सामाजिक कार्यकर्ताओं, विभिन्न जाति, पंथो आदि को एक स्वर में इस प्रकार के राक्षसी कृत्यो की कड़ी भर्त्सना करते हुए समाज को सजग करना चाहिए। 14 अगस्त को अखंड भारत दिवस एवं 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस का स्मरण करते हुए कहा गया कि धर्म के नाम पर पहले ही देश का विभाजन हो चुका है अब आगे इस प्रकार के और विभाजन न देखना पड़े इसके लिए समाज को जागृत एवं संगठित होना ही पड़ेगा। कार्यक्रम में वन विभाग, जलदाय विभाग एवं आसपास के मोहल्लावासी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में वन विभाग के अधिकारी अर्जुन मीणा ने रामधुन में पधारे सभी भक्तों का स्वागत एवं आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी सनातन परंपरा में वृक्षों को देव तुल्य माना गया है तथा पर्यावरण संरक्षण का भारतीय परंपरा में विशेष महत्व है अतः हम सभी को अधिक से अधिक संख्या में वृक्ष लगाकर उनके पोषण की चिंता भी करनी चाहिए। बालाजी संस्थान की ओर से प्रकाश लोहार ने रामधुन में पधारे सभी भक्तों का तथा व्यवस्था में सहयोगी स्थानीय भक्तों का आभार व्यक्त किया। अंत में सभी को प्रसाद का वितरण किया गया।

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