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भदेसर- आयम्बिल दिवस के रूप में मनाई आचार्य आनंद ऋषि जी महाराज साहब की जन्म जयंती।

वीरधरा न्यूज़। भादसौडा@ श्री नरेन्द्र सेठिया।

 

भादसोड़ा। कस्बे में चातुर्मासार्थ विराजित उप प्रवर्तिनी परम पूज्या महासाध्वी डॉ श्री दिव्य प्रभा जी महाराज साहब, परम पूज्या श्री निरुपमा जी महाराज साहब परम पूज्या श्री आर्या जी महाराज साहब आदि ठाणा 3 के पावन सानिध्य में आचार्य सम्राट श्री आनन्द ऋषि जी महाराज साहब की 124 वी जन्म जयंती आयंबिल दिवस के रुप में त्याग तप के साथ हर्षोल्लास के पूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर श्रावक श्राविकाओं ने अच्छी संख्या में आयंबिल करके आस्था के भेंट चढ़ाई। रितिका दिलीप पोखरना के 9 उपवास पूर्ण होने पर श्री संघ द्वारा तपस्या का अभिनंदन तपस्या की बोलियां बोली कर किया गया।
धर्म सभा को संबोधित करते हुए डॉ दिव्य प्रभा जी महाराज साहब ने आचार्य भगवान के गुण अनुवाद करते हुए मनुष्य जीवन जीने के तीन मार्ग बताएं। प्रथम आसुरी जीवन द्वितीय दैविक जीवन और तीसरा आध्यात्मिक जीवन उसमें सर्वोत्कृष्ट आध्यात्मिक जीवन है जिसको आचार्य प्रवर ने न सिर्फ जिया बल्कि 30 वर्ष तक श्रमण संघ को सुयोग्य नेतृत्व प्रदान कर संपूर्ण श्रमण संघ को और जैन जगत को इसकी नई दिशा प्रदान की। इससे पूर्व भी 11, 8, 5 आदि अनेक तपस्या पूर्ण हो चुकी हैं। एक धर्म चक्र, बालक बालिकाओं की भिक्षु दया आदि संपन्न हुए। आयंबिल की लड़ी, एकाशन की लड़ी, 12 घंटे का अखंड नवकार जाप, प्रति शुक्रवार पद्मावती के एकासन सुचारू रूप से चल रहे हैं। प्रतिदिन प्रार्थना प्रवचन ज्ञानार्जन ज्ञान चर्चा प्रतिक्रमण आदि आध्यात्मिक कार्यक्रम प्रवर्तमान हैं।अतिथियों एवं दर्शनार्थियों का आवागमन निरंतर जारी है।

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